छह महीने लंबे घरेलू सीजन का भारतीय क्रिकेटर्स की सेहत पर काफी असर पड़ा है। टीम इंडिया के लगभग छह खिलाड़ी इस समय चोटों से जूझ रहे हैं। बीसीसीआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और उमेश यादव कुछ सप्ताह के लिए आईपीएल 10 से बाहर रहेंगे। वहीं आर अश्विन, मुरली विजय और केएल राहुल इस टूर्नामेंट से बाहर हो गए हैं। हालांकि चोट के बावजूद इन खिलाडि़यों को बीसीसीआई की ओर से इंश्योरेंस के तहत मुआवजा दिया जाएगा। इसके चलते चोटिल भारतीय खिलाडि़यों को आर्थिक नुकसान कम होगा।
बीसीसीआर्इ की कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट में शामिल खिलाडि़यों को इंश्योरेंस पॉलिसी के तहत कवर किया जाता है। आईपीएल के चौथे सीजन से पहले यह योजना लागू की गई थी। इसके तहत चोट लगने या बीमारी के चलते आईपीएल में ना खेल पाने या अनुपलब्धता पर खिलाडि़यों को पैसा दिया जाता है। कॉन्ट्रेक्ट में शामिल खिलाड़ी को देश के लिए खेलते वक्त चोट लगती है तब ही वह इस योजना का हकदार होता है। अगर कोई खिलाड़ी पूरे टूर्नामेंट के लिए आईपीएल से बाहर हो जाता है तो पूरा पैसा बीसीसीआर्इ वहन करता है।
उदाहरण के तौर पर विराट कोहली इस समय दाएं कंधे में चोट के चलते आईपीएल के पहले सप्ताह में नहीं खेल पाएंगे। ऐसे में वह कम से कम तीन मैच नहीं खेल पाएंगे। इस सीजन के लिए उनकी सैलेरी 15 करोड़ रुपये है। उन्हें कॉन्ट्रेक्ट की रकम के अनुपात में पैसा दिया जाएगा। यह राशि बीसीसीआई और टीम मालिक मिलकर वहन करेंगे।
बीसीसीआर्इ की कॉन्ट्रेक्ट लिस्ट में शामिल खिलाड़ी को अगर घरेलू टूर्नामेंट में भी चोट लगती है और वह आईपीएल नहीं खेल पाता है तो भी उसे मुआवजा मिलेगा। बीसीसीआई ने एलायंस इंश्योरेंस के साथ करार कर रखा है और 30 खिलाडि़यों के लिए 128.7 करोड़ का इंश्योरेंस लिया गया है। बोर्ड इसके लिए चार करोड़ रुपये खर्च करता है जो कि 45 दिनों को कवर करता है। लेकिन अगर किसी खिलाड़ी को आईपीएल के दौरान चोट लगती है तो खर्च टीम फ्रेंचाइजी को उठाना पड़ता है।
वहीं अगर कोई भारतीय खिलाड़ी टूर्नामेंट में एक भी मैच नहीं खेलता तो भी उसे पूरा पैसा मिलता है। लेकिन विदेशी खिलाडि़यों को 50 प्रतिशत पैसा मिलता है। उदाहरण के तौर पर अगर स्टीव स्मिथ 14 में से 7 मैचों में नहीं खेलते हैं तो उन्हें इन सात मैचों के लिए 50 प्रतिशत रकम ही मिलेगी।