आईपीएल 2017 के लिए खिलाडि़यों की नीलामी बेंगलूरु में हो रही है। आठ टीमें इस नीलामी में 143.33 करोड़ रुपयों से 352 क्रिकेटर्स में से खिलाडि़यों को खरीदेंगी। इस नीलामी से खरीदे जाने वाले खिलाड़ी एक साल के लिए ही टीमों के पास होंगे। क्योंकि अगले साल सभी खिलाड़ी नीलामी में होंगे। आईपीएल की यह प्रकिया 10 साल के लिए थी जो कि आईपीएल 2017 के सीजन के साथ पूरी होने जा रही है। एक टीम अधिकतम 27 खिलाड़ी रख सकती हैं जिसमें 9 विदेशी क्रिकेटर भी शामिल होते हैं। इस नीलामी के दौरान अधिकतम 76 खिलाड़ी खरीदे जा सकेंगे जिसमें 28 विदेशी भी शामिल हैं। नीलामी की जिम्मेदारी रिचर्ड मेडले संभालेंगे।
जानिए कैसे होती आईपीएल के लिए क्रिकेटर्स की खरीदारी:
सबसे पहले 352 खिलाडि़यों को उनके खेलने के तरीके के आधार पर अलग-अलग पूल में डाला जाता है। जैसे- विकेटकीपर, गेंदबाज, बल्लेबाज, अनकैप्ड खिलाड़ी आदि।
इसके बाद नीलामीकर्ता खिलाड़ी का नाम पुकारता है और इच्छुक टीमें उन पर बोली लगाती हैं।
बोली की रकम बेस प्राइस से शुरू होती है। जैसे कि ईशांत शर्मा गेंदबाजों की श्रेणी में आते हैं और उनकी बेस प्राइस 2 करोड़ रुपये है। तो उन पर बोली की पहली रकम दो करोड़ रुपये से शुरू होगी। इसके बाद बाकी टीमों के भी शामिल होने पर रकम बढ़ती जाएगी।
खिलाड़ी पर बोली लगाने के लिए टीम के अधिकारियों को अपनी टीम के नाम वाला पैडल ऊपर उठाना होता है। जो टीम सबसे ज्यादा बोली लगाती है उसे वह खिलाड़ी मिल जाता है।
जब तक बाकी टीमें नहीं हट जाती और नीलामीकर्ता खिलाड़ी के बेचे जाने का एलान नहीं करता बोली जारी रहती है।
यदि कोई टीम अपना पैडल नहीं उठाती और बोली नहीं लगाती तो खिलाड़ी अनसोल्ड रह जाता है। मतलब उसे किसी ने नहीं खरीदा।
एक बार सभी खिलाडि़यों के नीलामी में आ जाने के बाद नहीं बिकने वाले खिलाडि़यों को फिर से पूल में डाला जाता है और एक और मौका दिया जाता है। यह सभी टीमों के मालिकों के मिलकर कुछ खिलाडि़यों को चुनने के बाद होता है। इस प्रकिया में खिलाड़ी की बेस प्राइस आधी रह जाती है।
अगर दूसरे चरण में भी किसी खिलाड़ी को नहीं खरीदा जाता है तो फिर दोबारा से बोली नहीं होती है।

