भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट में भारतीय बल्लेबाजों ने टेस्ट इतिहास का सबसे खराब प्रदर्शन दिखाया है। पहली पारी में भारत की पूरी टीम 105 रनों पर सिमट गई। भारत के अंतिम 7 बल्लेबाज स्कोरबोर्ड में सिर्फ 11 रनों का इजाफा कर पाए, जो 85 साल के टेस्ट इतिहास में भारत का सबसे घटिया प्रदर्शन है। इससे पहले 1989-90 में क्राइस्टचर्च के मैदान पर टीम इंडिया अंतिम 7 विकेट्स खोकर 18 रन ही बना पाई थी। भारत की पारी शुरू से ही ट्रैक से भटकी नजर आई। सलामी बल्लेबाज मुरली विजय 10 रन बनाकर आउट हुए तो चेतेश्वर पुजारा भी 6 रन बनाकर पवेलियन वापस लौट गए। इसके बाद कप्तान विराट कोहली से सबको एक कप्तानी पारी की अपेक्षा थी मगर वह तीन साल बाद, 104 पारियां खेलकर टेस्ट मैच में शून्य पर आउट हुए। भारत की तरफ से सिर्फ केएल राहुल ही अर्द्धशतक लगाने में कामयाब हो पाए। भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके।
भारतीय पारी के 33वें ओवर की दूसरी गेंद पर केएल राहुल वॉर्नर को कैच थमा बैठे। उस वक्त भारत का स्कोर था 94 रन, गेंदबाज स्टीव ओ’कीफी की अगली गेंद पर अश्विन ने एक रन लेकर खाता खोला। चौथी गेंद पर सहाने ने सेकेंड स्लिप पर हैंड्सकॉम्ब को कैच दे दिया। पांचवी गेंद पर कोई रन नहीं बना। मगर ओ’कीफी के ओवर की आखिरी गेंद पर साहा स्लिप में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ को कैच दे बैठे।
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34वां ओवर करने आए नाथन लायन ने तीसरी गेंद पर अश्विन को हैंड्सकॉम्ब के हाथों कैच कराकर भारत को सातवां झटका दिया। इस तरह आठ गेंदों के भीतर ही भारत के चार विकेट गिर गए। हालांकि विकेटों का पतझड़ यहीं नहीं रुका। 37वें ओवर की तीसरी गेंद पर ओ’कीफी ने जयंत यादव को आउट कर भारत को आठवां झटका दिया। 101 के स्कोर पर जडेजा और 105 के स्कोर पर उमेश यादव का विकेट गिरते ही भारतीय पारी का अंत हो गया।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्टीव ओ’कीफी ने 36 रन देकर 6 भारतीय बल्लेबाजों का शिकार किया। मिशेल स्टार्क ने दो और हेजलवुड और लायन ने एक-एक विकेट लिया। इससे पहले, ऑस्टेलिया की पहली पारी 260 रनों के स्कोर पर समाप्त हुई। पहले दिन का खेल खत्म होने तक 9 विकेट के नुकसान 256 रन बनाकर खेल रही ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे दिन की शुरुआत में ही आखिरी विकेट गंवा दिया।
