कई मौकों पर कठिन हालात में अपनी बल्लेबाजी से टीम को करीबी मुकाबलों में जीत दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि जिम्बाब्वे के तेज गेंदबाज नेविले मेडजिवा की फेंकी आखिरी गेंद बेहद उम्दा थी। भारत को आखिरी गेंद पर चार रन की जरूरत थी लेकिन धोनी सिर्फ एक रन बना सके। भारत की दो रन से हार के बाद धोनी ने कहा,‘आखिर में तो मुकाबला गेंद और बल्ले का है। मेरा मानना है कि आखिरी गेंद बेहतरीन थी।’ मैच के बाद हर कोई इस कदर चौंका हुआ था कि पुरस्कार वितरण समारोह में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज अतुल वासन ने ग्रीम क्रेमर को पराजित कप्तान कह डाला लेकिन उस समय शर्मिंदा हो गए जब महेंद्र सिंह धोनी आगे आए। धोनी ने कहा कि यह मैच उनके अनुभवहीन बल्लेबाजों के लिए अच्छा सबक रहा।

उन्होंने कहा,‘वे अपनी क्षमता के अनुरूप नहीं खेले। कई विकेट गैर जिम्मेदाराना तरीके से गिरे। आप घरेलू सर्किट पर अच्छा कर सकते हैं लेकिन भारत ए से भारत के लिए खेलने में काफी दबाव होता है। यह उनके लिए अच्छा सबक रहा। बल्लेबाजों ने कई गलतियां की। हमने गेंदबाजी में अपनी पहली एकादश नहीं उतारी और गेंदबाज भी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके।’

जिम्बाब्वे के कप्तान ग्रीम क्रेमर ने कहा कि इस जीत से उन पर से बोझ उतर गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले मैचों में उनकी टीम और बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा,‘वनडे श्रृंखला हारने के बाद यह जीत शानदार रही। मुझ पर काफी दबाव था लेकिन हम यहीं नहीं रुकेंगे।’ क्रेमर ने 26 गेंद में नाबाद 55 रन बनाने वाले एल्टन चिगुंबुरा की भी तारीफ की। उन्होंने कहा,‘हमें पता है कि एल्टन हमेशा खतरनाक बल्लेबाज साबित हो सकता है। वह एक और खास पारी खेलने से सिर्फ एक पारी दूर है। भारतीय टीम कठिन प्रतिद्वंद्वी है और आज नतीजा कुछ भी निकल सकता था। हमें खुशी है कि यह हमारे पक्ष में रहा।’ मैन ऑफ द मैच चिगुंबुरा ने कहा,‘जीत में सभी का योगदान रहा। इस पारी से मुझे आगे भी ऐसा ही खेलने की प्रेरणा मिलेगी।’