रविचंद्रन अश्विन और रिद्धिमान साहा के शानदार शतकों के सहारे भारत के पहली पारी में 353 रन के जवाब में वेस्ट इंडीज ने ठोस शुरुआत करते हुए तीसरे टैस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट खोकर 107 रन बना लिए। अश्विन (118) और साहा (104) ने छठे विकेट के लिए 213 रनों की मैराथन साझेदारी की। लेकिन उसके बाद भारतीय विकेटकीपर के विकेट गंवाने के साथ बल्लेबाजी का पतन हो गया। भारत ने आखिरी पांच विकेट केवल 37 रन में गंवा दिए।

जवाब में वेस्ट इंडीज ने क्रेग ब्रेथवेट (53) और डेरेन ब्रावो (18) की नाबाद पारियों के सहारे अच्छी शुरुआत की। दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को काफी सहजता से खेला। मेजबान टीम अब भी भारत से 246 रन पीछे है। चाय के बाद लियोन जानसन और ब्रेथवेट ने 16 के स्कोर से आगे खेलना शुरू किया था। दोनों ने 114 गेंद में 50 रन की साझेदारी पूरी की। वेस्ट इंडीज के सलामी बल्लेबाजों ने शृंखला में पहली बार अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की है। इसके बाद हालांकि लोकेश राहुल के सटीक थ्रो पर 24वें ओवर में जानसन रन आउट हो गए। ब्रावो और ब्रेथवेट ने दूसरे विकेट के लिए 48 रन जोड़ लिए हैं। इसके बाद ब्रावो क्रीज पर आए और ब्रेथवेट के साथ अगले 23 ओवर तक जमे रहे। दोनों ने सत्र में दूसरे विकेट के लिए 48 रन जोड़े। पिच बल्लेबाजों के अनुकूल लग रही थी और गेंदबाजों को उससे ज्यादा मदद मिलती नहीं दिखी। इसके बावजूद रविंद्र जडेजा (0-9) ने बल्लेबाजों को अपनी गेंद ज्यादा से ज्यादा खेलने पर मजबूर किया। ईशांत शर्मा (0-26) ने बल्लेबाजों को कई शॉर्ट और वाइड गेंद डाले। ब्रेथवेट ने इसका पूरा इस्तेमाल किया और दिन के आखिरी ओवर में टीम का स्कोर 100 के पार पहुंचा दिया। उन्होंने इसी ओवर में 141 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया।

इससे पहले अश्विन ने सुबह काफी धीमी बल्लेबाजी की लेकिन लंच के बाद उन्होंने दूसरे ओवर में ही रोस्टन चेज पर मिड आन पर छक्का जड़कर वर्तमान शृंखला का दूसरा शतक पूरा किया। वे वेस्ट इंडीज के खिलाफ चार या उससे अधिक शतक जड़ने वाले भारत के छठे बल्लेबाज बन गए हैं। उन्होंने गुंडप्पा विश्वनाथ और वीवीएस लक्ष्मण की बराबरी की जबकि सचिन तेंदुलकर (तीन शतक) को पीछे छोड़ा। अश्विन एक ही टैस्ट शृंखला में कई बार पांच विकेट लेने और कई शतक जमाने वाले चुनिंदा खिलाड़ियों के समूह में शामिल हो गए जिसमें रिची बेनो (बनाम दक्षिण अफ्रीका 1957-58), टोनी ग्रेग (बनाम वेस्ट इंडीज 1973-74) और इयान बॉथम (बनाम आस्ट्रेलिया 1981) पहले से हैं।
दूसरी तरफ साहा ने भी इसके बाद शतक पूरा करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने चेज की गेंद पर दो रन लेकर यह उपलब्धि हासिल की। वे विजय मांजरेकर, अजय रात्रा और महेंद्र सिंह धोनी के बाद चौथे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज हैं जिन्होंने विदेशी धरती पर शतक लगाया। भारतीय क्रिकेट में यह पहला अवसर है जबकि छठे और सातवें नंबर के बल्लेबाज शतक जड़ने में सफल रहे। साहा हालांकि शतक पूरा करने के तुरंत बाद जोसेफ की आफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर विकेट के पीछे कैच दे बैठे।

उन्होंने अपनी पारी में 227 गेंदें खेली और 13 चौके लगाए। इसके बाद भारतीय पारी सिमटने में देर नहीं लगाई। रविंद्र जडेजा (छह) और भुवनेश्वर कुमार (शून्य) ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाए। अश्विन की मैराथन पारी का अंत कमिंस ने किया। उन्होंने शार्ट पिच गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट पर आसान कैच थमाया। अश्विन अपनी पारी में 297 गेंदें खेली तथा छह चौके और एक छक्का लगाया। कमिंस ने इसी ओवर में ईशांत शर्मा को आउट करके भारतीय पारी का अंत किया। इस तरह से भारत ने आखिरी तीन विकेट पांच गेंद के अंदर बिना कोई रन जोड़े गंवाए।

इससे पहले भारत ने सुबह अपनी पारी पांच विकेट पर 234 रन से आगे बढ़ाई। सुबह साहा ने अश्विन के मुकाबले ज्यादा तेजी से रन जुटाए। उनकी वजह से ही भारत सुबह के सत्र में 25 ओवरों में 82 रन जोड़ने में सफल रहा। अश्विन जब 92 रन पर थे तब उन्हें पारी का दूसरा जीवनदान भी मिला। उन्होंने चेज की गेंद फ्लिक की जिसे शार्ट लेग पर खड़े जानसन कैच नहीं कर पाए। कमिंस के अगले ओवर में बैकवर्ड प्वाइंट पर दिन का अपना पहला चौका जड़कर वह 99 रन पर पहुंचे थे।

अश्विन और साहा ने अपनी साझेदारी के दौरान वेस्ट इंडीज की सरजमीं पर भारत की तरफ से छठे विकेट के लिए सर्वाधिक साझेदारी का रिकार्ड तोड़ा जो अब तक दिलीप सरदेसाई और एकनाथ सोलकर के नाम पर था जिन्होंने 1971 में किंग्सटन में 137 रन जोड़े थे। इसके बाद उन्होंने सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री के 1983 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ चेन्नई में बनाई गई 170 रन की साझेदारी को पीछे छोड़ा।