सुरेश कौशिक

समय कितना बदल गया है। पहले जब वेस्ट इंडीज की क्रिकेट टीम भारत आती थी तो उनके तूफानी गेंदबाजों और विस्फोटक बल्लेबाजों को लेकर क्रिकेटप्रेमियों में उत्सुकता रहती थी। पर अब ऐसा नहीं है। वेस्ट इंडीज की टीम भारत में है। दो टैस्ट खेलेगी मगर इसे लेकर खास दिलचस्पी नहीं है। दिखे भी कैसे, एवर्टन वीक्स, क्लाइड वालकॉट, गैरी सोबर्स, रोहन कन्हाई, विव रिचर्ड्स, गोर्डन, ग्रीनिज, डेसमंड हेंस, क्लाइव लायड, एल्विन कालीचरण और ब्रायन लारा की टक्कर का कोई खिलाड़ी इस टीम में नहीं है। न ही गेंद से कहर बरपा देने वाले वेस्ली हाल, चार्ल्स ग्रीफिथ, एंडी राबर्ट्स, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग, कोर्टनी वाल्श और जोइल गार्नर जैसे गेंदबाज हैं। भारतीय टीम चुनने वाले भी इस सीरिज को लेकर कम, भविष्य को लेकर ज्यादा गंभीर हैं। वे पहले ही मान चुके हैं कि सीरिज तो टीम इंडिया जीतेगी। तभी तो कुछ अनुभवी खिलाड़ियों को दरकिनार कर टीम में नए चेहरों को तरजीह दी गई है।

वेस्ट इंडीज टीम में स्टार खिलाड़ी नहीं हैं तो भी उसे कमतर नहीं आंकना चाहिए। सीरीज छोटी हो या बड़ी, पहले आप सुनिश्चित कीजिए कि हारेंगे नहीं। यह मान कर चलिए कि कमजोर टीम ज्यादा तंग करेगी क्योंकि उसके पास खोने के लिए कुछ नहीं है। हाल ही में एशिया कप में हम इसका ट्रेलर देख चुके हैं। हांगकांग, अफगानिस्तान और बांग्लादेश ने टीम इंडिया के छक्के छुड़ा दिए। बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए जरूरी है कि ओपनरों से ठोस शुरुआत मिले। इंग्लैंड दौरे पर सलामी जोड़ी टीम को अच्छी शुरुआत देने के लिए संघर्ष करती रही। खब्बू बल्लेबाज शिखर धवन इंग्लैंड के तेज गेंदबाजों के सामने परेशानी में दिखे। शायद इसी को देखते हुए चयनकर्ताओं का झुकाव नए टैस्ट ओपनर तलाशने की तरफ हो गया। शिखर की विफलता इंगलिश परिस्थितियों में थी। घरेलू परिस्थितियों में उनका प्रदर्शन प्रभावशाली रहा है। पर इसकी अनदेखी कर चयनकर्ताओं ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।

सभी जानते हैं कि शिखर धवन खेल के तीनों प्रारूपों में ओपनर के तौर पर उतरते हैं। इनमें से दो में उनके जोड़ीदार रोहित शर्मा हैं। शिखर और रोहित दोनों ने एशिया कप में खूब रन बटोरे। सर्वाधिक रन बनाकर शिखर मैन आफ द टूर्नामेंट बने। रोहित का बल्ला भी खूब चला। वे दूसरे नंबर पर रहे। लेकिन चयनकर्ताओं ने उनकी फार्म को नजरअंदाज कर टीम में जगह नहीं दी। अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप के स्टार खिलाड़ी पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल में से कोई एक केएल राहुल के साथ पारी की शुरुआत करेगा। राहुल बेहतरीन बल्लेबाज हैं। जब भी उन्हें मौका दिया गया, उन्होंने निराश नहीं किया। अगर आप राहुल को टैस्ट ओपनर के रूप में देखना चाहते हैं तो इसमें गलत कुछ नहीं है। लेकिन बार-बार ओपनरों को बदलना उचित नहीं।

खैर, नई प्रतिभा को परखने के लिए यह सही समय है। वेस्ट इंडीज की टीम कमजोर है और मुकाबला घरेलू परिस्थितियों में हो रहा है। खतरा उठाया जा सकता है क्योंकि बाद में अनुभवी चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे स्थिति को संभालने के लिए हैं। हां, करुण नायर को ज्यादा मौके दिए बिना टीम से बाहर करने का अफसोस है। 2016 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में बेहतरीन तिहरा शतक जमाया था। वीरेंद्र सहवाग के बाद तिहरा शतक जमाने वाले वे दूसरे भारतीय हैं। इसके बावजूद करुण कभी टीम का स्थायी हिस्सा नहीं रहे। बीच-बीच में मौके मिले लेकिन वे उसे भुना नहीं पाए। इंग्लैंड दौरे पर भी टीम का सदस्य होने के बावजूद चोटिल खिलाड़ी के विकल्प के तौर पर बुलाए गए हनुमा विहारी को टैस्ट पदार्पण करवा दिया गया। चयनकर्ताओं का यह अजीब रवैया रहा है कि खिलाड़ी को टीम के साथ घुमाते रहे और पर्याप्त मौके दिए बगैर उसे टीम से बाहर करते रहे।

पिछले कुछ समय से तेज गेंदबाजी भारत का मजबूत हथियार बनी है। अगर तेज गेंदबजों को लेकर कोई फिटनेस समस्या हो तो विकल्प के तौर पर लगभग उसी स्तर के गेंदबाज हमारे पास मौजूद हैं। इसलिए जसप्रीत बुमराह, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाजों के टीम में नहीं रहने पर उमेश यादव और मोहम्मद शमी आक्रमण का भार उठाने के लिए तैयार हैं। शार्दुल ठाकुर और मोहम्मद सिराज को भी विकेट की परिस्थितियां देखकर मौका मिल सकता है। इन दोनों ने आइपीएल, घरेलू क्रिकेट के अलावा भारत-ए टीम के लिए आस्ट्रेलिया-ए के खिलाफ बढ़िया गेंदबाजी की है। सिराज ने तो पारी में 59 रन पर आठ विकेट लेने का कारनामा भी किया है।

दो और नए तेज गेंदबाजों दीपक चाहर और मोहम्मद खलील को एशिया कप में मौका मिला। दोनों राजस्थान से हैं। बाएं हाथ से गेंदबाजी करने वाले खलील ने प्रभावित किया है। अश्विन, जडेजा और कुलदीप की स्पिन गेंदबाजी को भी झेलना इंडीज के लिए मुश्किल होगा। विकेटकीपर के तौर पर अब ऋषभ पंत पहली पसंद बन गए हैं। इंग्लैंड में अंतिम टैस्ट में उनकी शतकीय पारी लाजवाब रही। दिसंबर, 1994 से भारतीय टीम के खिलाफ वेस्ट इंडीज की टीम टैस्ट नहीं जीत सकी है। 2002 से दोनों टीमों के बीच हुए 19 मुकाबलों में भारत ने दस में जीत पाई है। बाकी नौ टैस्ट ड्रॉ छूटे। जैसन होल्डर की कप्तानी में आई आठवीं रैंकिंग की विंडीज टीम में क्रेग ब्रेथवेट, कीरोन पावेल, रोल्टन चेज, देवेंद्र बिशु जैसे खिलाड़ी हैं जो भारत को तंग कर सकते हैं।