भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा कि वह किसी भी प्रारूप में खेलें लेकिन अपना नैसर्गिक खेल खेलना नहीं छोड़ेंगे। पहली पारी में सस्ते में आउट होने के बाद रोहित ने तीसरे टैस्ट में वेस्ट इंडीज के खिलाफ मिले दूसरे मौके का फायदा उठाया। रोहित ने चौथे दिन के अंत में तीन छक्के जड़े और रन रेट बढ़ा दिया। हालांकि पांचवें दिन सुबह दुर्भाग्यशाली रहे कि अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया जिससे उन्हें 59 गेंद में 41 रन की पारी के बाद पवेलियन लौटना पड़ा। रोहित ने कहा कि मेरा नैसर्गिक खेल आक्रामक बल्लेबाजी करके गेंदबाजों पर दबाव बनाना है, भले ही मैं पहली गेंद का सामना कर रहा हूं या फिर अंतिम।

मैं जानता हूं कि परिस्थितियां अलग होती हैं लेकिन एक चीज निश्चित है कि मैं अपना नैसर्गिक खेल नहीं बदलूंगा। मैं ऐसा ही हूं। मैं समझता हूं कि टैस्ट क्रिकेट एक दिवसीय क्रिकेट की तरह नहीं खेला जा सकता लेकिन पूरी दुनिया में क्रिकेटरों के इतने उदाहरण हैं जो इसी तरह से क्रिकेट खेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे वही करना चाहिए जो मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ हो और मैं जानता हूं कि मेरे लिए क्या चीज सर्वश्रेष्ठ है। दुनिया में कोई भी मुझे नहीं बता सकता कि मुझे कैसे बल्लेबाजी करनी चाहिए और कैसे नहीं। मुझे अपनी रणनीति पर अडिग रहना चाहिए। मैंने जब से क्रिकेट खेलना शुरू किया है तब से मुझे जिस चीज से सफलता मिली है, मैं उसी पर अडिग रहूंगा। अलग स्थितियों में खेलने का निश्चित रूप से अलग तरीका है और मैं ऐसा करने के लिए तैयार हूं।

रोहित ने कहा कि उन्होंने इस तरह की बारिकियों से निपटने का तरीका सीख लिया है और वह जानते हैं कि उनके लिए क्या सर्वश्रेष्ठ है। इस आक्रामक बल्लेबाज ने कहा कि वह हमेशा टीम की जरूरतों के हिसाब से फिट होने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि जब बात इस पर आती है तो यह जानना महत्वपूर्ण है कि कप्तान और कोच इसके बारे में क्या महसूस करते हैं। मेरी भूमिका सरल है।