अपने करियर की पहली टेस्ट सीरीज में ही मैन ऑफ द सीरीज का पुरस्कार जीतने वाले 18 वर्षीय भारतीय बल्लेबाज पृथ्वी शॉ एक अनूठे क्लब में शामिल हो गए हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज शॉ भारत के 15वें ऐसे खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने डेब्यू टेस्ट मैच में शतक लगाया है। इसके अलावा वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज भी चुने गए हैं। पृथ्वी शॉ ने अभी तक खेले अपने दो मैचों में एक शतक की मदद से 237 रन बनाए, इस दौरान उनका औसत 118.5 का रहा। इसके अलावा शॉ उन महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की लिस्ट में भी शामिल हो गए हैं जो अपने पहली टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। इस लिस्ट में पहले नंबर पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली है, जिन्होंने 1996 में यह कारनामा इंग्लैंड के खिलाफ किया। इसके जैक्स रुडोल्फ (SA), स्टुअर्ट क्लार्क (AUS), अजंता मेंडिस (SL), अश्विन (IND), फिलेंडर (SA), जेम्स पैटिनसन (AUS), रोहित शर्मा (IND), मेहंदी हसन (BAN) और अब पृथ्वी शॉ (IND) शामिल हो गए हैं।
मैन ऑफ द सीरीज चुने जाने पर पृथ्वी शॉ ने कि टीम में कोई सीनियर और जूनियर नहीं है। सब परिवार के सदस्य जैसे हैं। भारत के लिए टेस्ट पदार्पण करते हुए शॉ ने राजकोट में खेले गए पहले मैच में 134 रन बनाए थे और हैदराबाद में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच की पहली पारी में 70 और दूसरी पारी में 33 रन बनाए। मैच के बाद शॉ ने कहा, ‘मेरे लिए यह खुशी का पल है। भारत के लिए एक मैच का समापन करना गर्व की बात है। मैंने अपनी पहली अंतर्राष्ट्रीय सीरीज खेली और 2-0 से जीती, वह भी मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार के साथ।’
शॉ ने कहा, ‘टीम में अब कोई जूनियर और सीनियर नहीं रह गया है। हर कोई परिवार के सदस्य जैसा है। अगले पल में क्या होगा, इसका मुझे नहीं पता लेकिन मैं इस पल का आनंद ले रहा हूं।’ (एजेंसी इनपुट सहित)