टेस्ट क्रिकेट में सबसे तेज 200 विकेट पूरे करने के रिकॉर्ड में दूसरे नंबर पर काबिज होने वाले भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने रविवार (25 सितंबर) को कहा कि वह रिकॉर्ड बनाने की बात उनके दिमाग में कभी नहीं आती और वह खुद से प्रतिस्पर्धा करके खुश होते हैं। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन उनके 200वें टेस्ट विकेट थे। उन्होंने यह कारनामा 37वें टेस्ट मैच में करके हरभजन सिंह का भारतीय रिकॉर्ड (46 मैच) तोड़ा जबकि उन्होंने ओवरऑल रिकॉर्ड में ऑस्ट्रेलिया के क्लेरी ग्रिमेट (36 मैच) से एक मैच अधिक खेला। वह हालांकि डेनिस लिली, वकार युनुस (38) और डेल स्टेन (39 मैच) को पीछे छोड़ने में सफल रहे।
अश्विन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘निश्चित रूप से अभी 200 विकेट बेहद खास हैं। केन विलियमसन एक बुरा विकेट नहीं है। मैंने अपने करियर में अब तक कुछ अच्छे विकेट हासिल किए हैं। इस टेस्ट मैच में पहली पारी में केन विलियमसन बहुत अच्छी गेंद पर आउट हुआ था। श्रीलंका में कुमार संगकारा। ये ऐसी कुछ यादें हैं जिनकी मैंने अपने करियर में पूरा आनंद उठाया है।’ अश्विन से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि उन्होंने बहुत कम समय में यह मुकाम हासिल किया जबकि पूर्व में उन्हें टेस्ट क्रिकेट खेलने का पर्याप्त मौका नहीं मिला था।
उन्होंने कहा, ‘मेरे करियर के पिछले पांच छह वर्षों में मेरे साथ कई अच्छी यादें जुड़ी हैं। पीछे मुड़कर देखना और फिर खेद जताना सही तरीका नहीं है। मैं बहुत खुश हूं।’ जहां तक क्रिकेट से जुड़ी उपलब्धियों की बात है तो अश्विन ने खुद के भविष्य के बारे में कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘मेरा अगला लक्ष्य यह टेस्ट मैच जीतना है। हर कोई सत्र में 13 टेस्ट मैचों के बारे में बात कर रहा है। मेरे लिये एक समय में एक मैच है। अभी हमारी कोशिश 1-0 से बढ़त बनाना और फिर जीत की लय को आगे बढ़ाना है।’
अश्विन ने कहा कि अभी यह कहना समझदारी नहीं होगी कि कीवी बल्लेबाजों के लिये भारत के केवल दो स्पिनर ही पर्याप्त हैं। उन्होंने कहा, ‘मैच अभी समाप्त नहीं हुआ है। हम अभी किसी समाधान पर नहीं पहुंच रहे हैं। सचाई यह है कि अभी हमें छह और विकेट हासिल करने हैं। इस बारे में कुछ भी बात करना अभी जल्दबाजी होगी। हमें आज उनके पांच या छह विकेट लेने चाहिए थे। इसलिये मैं थोड़ा निराश हूं।’ हाल में हरभजन सिंह ने कहा कि अनिल कुंबले और विराट कोहली को उस युग की शुरुआत करनी चाहिए जहां भारत को केवल टर्न लेते विकेटों पर खेलने की शुरुआत करनी चाहिए लेकिन अश्विन ने कहा कि भारत में विकेटों पर बेमतलब में ध्यान दिया जाता है।
उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं हम किस तरह के विकेट पर खेलने जा रहे उसे कुंबले या कोहली तैयार नहीं कर सकते हैं। वे उस पर रोलिंग या पानी नहीं डाल सकते हैं। हमें जैसा विकेट मिलता है हम उस पर खेल रहे हैं। हम अच्छी क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। इससे चमक नहीं खो रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों को इसका अहसास नहीं है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि हम जिस तरह की क्रिकेट खेल रहे हैं उसका पूरा लुत्फ उठाये। जीत जीत होती है। इंग्लैंड में टेस्ट मैच दो दिन में समाप्त हो जाते हैं और कोई उस पर बात नहीं करता। फिर भारत क्यों?’ न्यूजीलैंड के एक पत्रकार ने पूछा कि मेहमान बल्लेबाजों को लगातार आउट करने की चाल क्या है, अश्विन ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो न्यूजीलैंड को जो बेहतर विकेट मिल सकते हैं यह उनमें से एक है। यह बहुत धीमा है। उनके पास बैकफुट पर जाकर अपने शॉट से सामंजस्य बिठाने के लिए पर्याप्त समय है। यह पारपंरिक आक्रामक भारतीय विकेट है।’