भारत और इंग्लैंड के बीच आगामी 9 नवंबर से पांच टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हो रही है। हम आपको इंग्लैंड टीम के तीन ऐसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों के बारे में बता रहे हैं जो इस सीरीज में अपने दम पर अंतर पैदा कर सकते हैं और उनसे भारतीय टीम को सतर्क भी रहना होगा।

एलिस्टर कुक: यदि इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टर कुक भारत के खिलाफ चार साल पहले खेली गई टेस्ट सीरीज वाली फॉर्म में रहते हैं तो अंग्रेजों की स्थिति काफी मजबूत हो सकती है। कप्तान कुक ने भारत में खेली गई इस टेस्ट सीरीज में 562 रन बनाए थे, जिसमें तीन शतक भी शामिल था। उनकी कप्तानी में इंग्लैंड ने भारत को 28 सालों बाद उसी के घर में हराया था। एलिस्टर कुक इंग्लैंड के सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज हैं और उनकी उम्र मात्र 31 साल ही है। वह सचिन तेंदुलकर के टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन के रिकॉर्ड को तोड़ भी सकते हैं, यदि इसी फॉर्म में 4 से 5 साल और खेलते रहते हैं। कुक ने टेस्ट मैचों पर ध्यान देने के लिए ही वनडे खेलना छोड़ दिया है। निश्चित ही इंग्लैंड की भारत के खिलाफ जीत कप्तान एलिस्टर कुक के बैटिंग पर बहुत हद तक निर्भर रहेगी।

बेन स्टोक्स: भारत में खेले गए अपने आखिरी मुकाबले में इंग्लैंड का यह आलराउंडर अंग्रेजों के लिए निराशा लाया था। बेन स्टोक्स उस छण को भूलना चाहेंगे जब टी20 विश्वकप के फाइनल में वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्रेथवेट ने इनिंग के लास्ट ओवर में चार छक्के उड़ाकर इंग्लैंड के जबड़े से जीत छीन ली थी। हालांकि इस एक वाकये को छोड़ दें तो इंग्लैंड के लिए इस खिलाड़ी ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। बांग्लादेश के खिलाफ हाल ही में खत्म हुए टेस्ट सीरीज में बेन स्टोक्स ने अपने बल्ले से इंग्लैंड के लिए मैच जिताउं पारी खेली थी। वहीं इंग्लैंड की तरफ से इस सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज भी रहे। बेन स्टोक्स हालांकि अपने गुस्से के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने एक बार गुस्से में घूसा जड़कर अपनी कलाई तोड़ ली थी। इंग्लैंड की टीम स्टोक्स को पूरी सीरीज में खेलते देखना चाहेगी।

मोइन अली: इंग्लैंड की टीम में बल्लेबाज की हैसियत से एंट्री पाने वाले मोइन अली अब इंग्लिस टीम के सबसे बेहतरीन स्पिनर बन चुके हैं और भारत के खिलाफ उनके स्पिन गेंदबाजी पर इंग्लैंड काफी हद तक निर्भर रहने वाला है। मोइन अली ने 2014 में इंग्लैंड के लिए समर सीजन में 19 विकेट हासिल कर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। हालांकि, उसके बाद से उन्होंने गेंद से कुछ खास कमाल नहीं दिखाया है और टीम में अपनी बल्लेबाजी के कारण ही खेल रहे हैं। उन्होंने बांग्लादेश के विरुद्ध दूसरे टेस्ट मैच में 57 रन देकर 5 विकेट हासिल किए थे और गेंद से फॉर्म में लौटने का संकेत दिया था। इस प्रदर्शन के बाद उन्होंने कहा था कि वो अपनी गेंदबाजी पर विशेष ध्यान दे रहे हैं और इंग्लैंड के लिए स्पिनर के तौर पर खेलना चाहते हैं। बल्लेबाजी क्रम में लगातार बदलाव किए जाने के कारण उनकी बैंटिंग पर असर पड़ा है, लेकिन उन्होंने समर सीजन में दो शतक ठोककर अपने फॉर्म में लौटने का संकेत दिया है।