भारतीय उपमहाद्वीप में लगातार नौ टैस्ट हार चुके आस्ट्रेलिया के लिए फरवरी-मार्च 2017 में भारत में होने वाली चार टैस्ट की शृंखला चिंता का सबब बन गई है। श्रीलंका में बुरी तरह मुंह की खाने के बाद आस्ट्रेलिया भारतीय सरजमीं पर होने वाली सीरिज के लिए टीम में आमूल-चूल बदलाव की तैयारी में है। उसने एक नीति पर काम करने का फैसला किया है। उसके यहां इन गर्मियों में होने वाली घरू टैस्ट शृंखला में भले ही कोई बल्लेबाज कितने भी रन बनाए, भारत वही जाएगा, जिसके बल्ले से भारतीय उपमहाद्वीप में रन बने हों। इसका मतलब भारत दौरे से कई बड़े कंगारू क्रिकेटरों के नाम नदारद होंगे।

क्रिकेट आस्ट्रेलिया अपनी सरजमीं पर होने वाली 2016-17 की शृंखला के लिए बड़े बदलाव नहीं करेगा, हां वह भारत में उपमहाद्वीप के विशेषज्ञ खिलाड़ियों को जगह देगा। आस्ट्रेलिया के हाई परफारमेंस मैनेजर पेट हॉवर्ड ने कहा कि हम निश्चित रूप से सख्त चयन पैमाना अपनाएंगे। जब हम भारत जाएंगे तो वहां फार्म का निश्चित रूप से ध्यान रखेंगे। इसका मतलब यह कि गर्मियों में आस्ट्रेलियाई धरती पर अच्छा खेलने वाले क्रिकेटर भारत नहीं भेजे जाएं। श्रीलंका में तीन टैस्ट खेलने गया आस्ट्रेलिया नंबर एक टैस्ट देश था लेकिन बुरी पराजय से उसे यह जगह गंवानी पड़ी। श्रीलंका गए पांच आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जब पहला टैस्ट खेलने उतरे तब उनका करियर औसत 50 था लेकिन 3-0 से हार के दौरान कप्तान स्टीव स्मिथ ही 100 से ज्यादा रन बना पाए। उस्मान ख्वाजा और जो बर्न्स का पहले दो टैस्ट में औसत 15 से भी कम था और उन्हें आखिरकार हटाना पड़ा।

न्यूज डॉट कॉम एयू के अनुसार भारत दौरे में पहले कोई वनडे या टी-ट्वंटी मुकाबले भी नहीं हैं और पहला टैस्ट आस्ट्रेलियाई ग्रीष्मकालीन क्रिकेट सत्र की समाप्ति के तुरंत बाद है। लिहाजा चयनकर्ता पिछले साल हुए आस्ट्रेलिया ए टीम के भारत दौरे के आधार पर टीम चुन सकते हैं। वहां ओपनर कैंमरून बेनक्रॉफ्ट ने भारत ए के खिलाफ 74.66 के औसत से रन बनाए थे। वहीं शॉन मार्श ने श्रीलंका के खिलाफ शतक ठोंककर 78.60 के औसत के साथ आस्ट्रेलिया का मनोबल ऊंचा किया था।