युवराज सिंह के परिवार ने बुधवार को कहा कि उनके भाई जोरावर के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में इस क्रिकेटर का नाम ‘दुर्भावनापूर्ण’ कारणों से घसीटा गया लेकिन आरोपी के माफी मांगने के बाद हाल में यह मामला निपट गया। परिवार ने कहा कि युवराज अब राहत की सांस ले सकता है। जोरावर से अलग रह रही उनकी पत्नी आकांक्षा शर्मा ने युवराज के खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था। चार महीने की कानूनी लड़ाई के बाद आकांक्षा और जोरावर के बीच इस महीने तलाक हो गया। आकांक्षा ने युवराज और उनके परिवार के खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए उनसे माफी भी मांगी।

युवराज के परिवार ने बयान में कहा, ‘‘अपने खिलाफ कानून की प्रक्रिया से बचने का कोई तरीका नहीं होने के कारण आकांक्षा शर्मा ने माफी मांग ली है और स्वीकार किया है कि उनके सभी आरोप झूठे और गलत थे। उन्होंने इन आरोपों को वापस ले लिया है।’’ आकांक्षा ने गुरुग्राम की अदालत में अक्तूबर 2017 में घरेलू हिंसा का मामला दायर कराया था जिसमें युवराज और उनकी मां शबनम को आरोपी बनाया गया था।

परिवार ने कहा, ‘‘फायदा उठाने की उम्मीद के साथ निजी दुर्भावनापूर्ण कारणों से युवराज की प्रतिष्ठा को दांव पर लगाया गया। हम एक बार फिर युवराज पर गर्व महसूस करते हैं जिन्होंने हमेशा भगवान और इस महान देश की न्यायपालिका पर अटूट विश्वास के साथ वापसी करने का फैसला किया।’’

बात अगर वर्कफ्रंट की करें तो भारतीय टीम को दूसरी बार विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह  10 जून अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से सन्साय ले लिया था। उन्होंने भारत को 2007 में टी-20 विश्व कप का खिताब दिलाने में भी अहम किरदार निभाया था। वे इन दोनों ही विश्व कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे थे। युवराज 2000 में भारतीय टीम का हिस्सा बने। इसके बाद उन्होंने कई विपक्षी गेंदबाजों को अपने सामने घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। जब युवी टीम में शामिल किए गए थे तब उनकी उम्र 19 साल थी। ठीक 19 साल बाद ही उन्होंने क्रिकेट को अलविदा भी कहा था।

(इनपुट भाषा)