रवींद्र जडेजा को भारत और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैन ऑफ द सीरीज चुना गया है। जडेजा ने इस शृंखला में 25 विकेट लिए और 127 रन बनाकर ऑलराउंड प्रदर्शन किया। भारत की 2-1 से टेस्ट सीरीज में उनका काफी बड़ा योगदान रहा है। धर्मशाला टेस्ट में मैन ऑफ द मैच का खिताब भी जडेजा के हिस्से ही आया। इस मैच में उन्होंने 63 रन की अहम पारी खेलने के साथ ही चार विकेट भी लिए। इस सीरीज में अपने प्रदर्शन के बारे में उन्होंने बताया कि वे अब पूरी तरह से सक्षम खिलाड़ी बन गए हैं। कुछ समय पहले तक उन्हें टेस्ट का खिलाड़ी नहीं माना जाता था लेकिन अब उन्हें जवाब मिल गया। वे मैच दर मैच रणनीति बनाते हैं और उस पर काम करते हैं।
उन्होंने बताया कि धर्मशाला टेस्ट में ऑस्ट्रेलियार्इ विकेटकीपर मैथ्यू वेड स्टंप्स के पीछे से उन्हें छेड़ रहे थे। इस पर उन्होंने बल्ले से जवाब देने की सोची। उसकी बातों ने मुझे मोटिवेट किया। बल्ले से जवाब देना सबसे सही जरिया है। रवींद्र जडेजा वर्तमान में दुनिया के नंबर वन टेस्ट गेंदबाज भी हैं। उन्होंने भारत के ही आर अश्विन को ही पछाड़कर यह तमगा हासिल किया है। इस बारे में उन्होंने बताया कि नंबर वन टेस्ट गेंदबाज बनना काफी अच्छा है। साथ ही इस चैंपियन टीम का हिस्सा बनना भी गर्व की बात है।
अश्विन के साथ गेंदबाजी के अनुभव के बारे में जडेजा का कहना था कि हम दोनों ने दोनों छोर से विपक्षी टीमों पर दबाव बनाए रखा। ऑफ स्पिनर और लेफ्ट आर्म स्पिनर का वेरिएशन अच्छा काम करता है। उम्मीद है कि भारत के बाहर भी ऐसा ही प्रदर्शन करेंगे। रवींद्र जडेजा अर्धशतक बनाने के बाद तलवारबाजी तरह बल्ले को घुमाते हैं। रवि शास्त्री ने उनसे पूछा कि अब तो मीटर काफी चल रहा है। शतक बनाने के बाद जश्न कैसे मनाएंगे। भारतीय ऑलराउंडर ने जवाब दिया कि वे दोनों हाथों से बल्ला घुमाएंगे। उनके इस जवाब पर सभी लोग हंस पड़े।
जडेजा ने इस पूरे सीजन में शानदार गेंदबाजी की। वे अश्विन के बाद दूसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। उन्होंने 71 विकेट लिए हैं और 556 रन भी बनाए हैं। जडेजा ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। इसके बाद भारतीय सरजमीं पर वे टीम इंडिया का नियमित हिस्सा हैं। लेकिन पिछले एक साल में उन्होंने अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया है। वे आर अश्विन के उपयोगी साथी साबित हुए हैं। लेकिन ऑस्ट्रेलिया सीरीज में तो वे अश्विन से भी आगे निकल गए। जडेजा को विपक्षी टीमों के कप्तानों को आउट करने के लिए पहचाना जाता है।
