इसमें कोई दो राय नहीं हैं कि इंडियन प्रीमियर लीग के पहले नौ संस्करणों में दिल्ली डेयरडेविल्स सबसे अस्थिर प्रदर्शन करने वाली टीम रही है। आईपीएल के दसवें संस्करण में भी दिल्ली डेयरडेविल्स के प्रदर्शन में यह अस्थिरता जारी रही। दिल्ली की टीम ने कई मैचों में अपने विरोधियों पर एकतरफा जीत दर्ज करते हुए यह बताया कि वह दिन होने पर मजबूत से मजबूत प्रतिद्वंदी को चारो खाने चित्त करने का माद्दा रखती है। लेकिन, अहम मौकों पर छोटी छोटी भूल करने के कारण दिल्ली अपने प्रदर्शन में निरंतरता कायम नहीं रख सकी और जिसका नतीजा उसे प्लेआॅफ की दौड़ से बाहर होकर चुकाना पड़ा। दिल्ली डेयरडेविल्स की टीम में इस साल कई युवा खिलाड़ी शामिल थे, जिन्होंने अपने प्रदर्शन से यह साबित किया कि उन्हें अगर सही तरीके से तराशा गया तो वे भविष्य में भारतीय क्रिकेट की सेवा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। इन युवा प्रतिभाओं को पहले ही महान राहुल द्रविड़ के संरक्षण में क्रिकेट की बारीकियां सीखने का मौका मिला है।
इन युवा खिलाड़ियों ने आईपीएल 10 के कई मुकाबलों में अपनी प्रतिभा का परिचय दिया, लेकिन अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने में असफल रहे। इन खिलाड़ियों में संजू सैमसन, रिषभ पंत और श्रेयस अय्यर शामिल हैं। रिषभ पंत ने 97 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को अकेले दम जीत दिलायी। वहीं, श्रेयस अय्यर ने गुजरात लायंस के खिलाफ 96 रनों की पारी खेली और दिल्ली को जीत दिलायी। लेकिन, कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों से भरी दिल्ली टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स टीम मैनेजमेंट की सोच पर इशारों में सवाल उठाते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, ‘आप युवाओं खिलाड़ियों से प्रतिभा के प्रदर्शन और निरंतरता की कमीं दोनों पाते हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स ने युवाओं की प्रतिभा को देखते हुए उन पर दांव लगाया, लेकिन निरंतरता की कमीं को ठीक करने के लिए अनुभवी खिलाड़ियों पर निवेश नहीं किया।’
You get brilliance & inconsistency from youth. #DD rode on their brilliance but didn't invest in experience to cover for their inconsistency
— Aakash Chopra (@cricketaakash) May 10, 2017
Pls u should not talk abt experience..coming from a person who has hardly played 10 matches frm india is not worth it..
— Prateek vasanta (@vasanta_prateek) May 11, 2017
That's what DRAVID believes in & experiments with- the Process of Growing Up for the youngsters important for him than the product-winning!
— Amber Banerjee (@Amber_Banerjee) May 11, 2017
https://twitter.com/tweet2nk/status/862570954974736384
In the process of criticizing DD..you forgot to realize that these young talents are future of India & they r performing well
— Subham Mohanty (@champ_019) May 11, 2017
https://twitter.com/ArpitBorkar1/status/862682121927655424
दरअसल, भारत के पूर्व महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ दिल्ली डेयरडेविल्स के मेंटर और हेड कोच हैं, वो भारत की अंडर-19 टीम के भी कोच हैं। उनकी देखरेख में ही रिषभ पंत, संजू सैमसन और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं। कमेंटेटर आकाश चोपड़ा का यह कमेंट राहुल द्रविड़ के उपर निशाना माना जा रहा है। राहुल द्रविड़ हमेशा से उभरते खिलाड़ियों को मौका दिए जाने का पक्षधर रहे हैं। उन्होंने आईपीएल में भी दिल्ली डेयरडेविल्स की बैटिंग लाइनअप में युवा खिलाड़ियों को तरजीह दी। आकाश चोपड़ा के इस कमेंट के बाद ट्विटर यूजर्स राहुल द्रविड़ के समर्थन में आ गए और कमेंटेटर को जमकर ट्रोल किया। एक यूजर ने यहां तक कह दिया कि जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद सिर्फ 10 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया हो उसे इस तरह के कमेंट नहीं करने चाहिए।

