भारतीय टीम का हिस्सा रहे पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने मंगलवार को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने की घोषणा की। इस फैसले के साथ गंभीर ने अपने कोच के बारे में कहा, “मेरे क्रिकेट कोच संजय भारद्वाज हमेशा मेरे साथ मेरे उतार-चढ़ाव में खड़े रहे। मैं जब भी परेशानी में रहा तो मैं उनके पास गया। सर मैं नहीं जानता कि मैंने आपको अपने ऊपर गर्व करने का मौका दिया या नहीं लेकिन मैं एक बात निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि मेरे पास जो था मैंने वो सब कुछ झोंक दिया।”अब कोच संजय भारद्वाज ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गंभीर को लेकर कुछ बातों का जिक्र किया। संजय भारद्वाज ने कहा, ”मुझे लगता है कि गंभीर का संन्यास लेने का फैसला बिल्कुल सही समय पर आया। गंभीर जब भी मैदान पर रहे हैं वह गेम में अपना योगदान सौ प्रतिशत देने की कोशिश करते रहे। उन्होंने कभी भी नाम कमाने के लिए क्रिकेट नहीं खेला। गौतम गंभीर को रिटयमेंट के बाद भी भारतीय क्रिकेट में हमेशा याद किया जाएगा। फैंस कभी भी अपने पसंदीदा क्रिकेट को संन्यास लेते नहीं देखना चाहते।”
भारद्वाज ने आगे कहा, ”कुछ साल पहले गंभीर अपने खराब फॉर्म से जूझ रहा था, जिसके बाद मैंने उससे कुछ टिप्स दिए। लेकिन गंभीर की बल्लेबाजी वास्तविक बदलाव ऑस्ट्रेलिया में जस्टिस लैंगर से मिलने के बाद आया। इसके बाद उन्होंने आईपीएल में केकेआर के लिए खूब रन भी बनाए।” भारद्वाज के मुताबिक गंभीर को अन्य खिलाड़ियों की तरह भारतीय टीम में वापसी करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। रणजी सीजन के 10 पारियों में 632 रन बनाने के बावजूद भी उन्हें चयनकर्ताओं ने नजरअंदाज किया।”
भारद्वाज ने कहा, ”गंभीर ने घरेलू टूर्नामेंटों में हमेशा ही स्कोर किया है। इसके बावजूद भी वह दोबारा भारत के खेलने में कामयाब नहीं हो सके।” बता दें कि गंभीर का करियर 1999 में शुरू हुआ था। गंभीर ने टेस्ट मैचों में 41.95 के औसत से कुल 4154 रन बनाए और वनडे मैचों में उनके नाम 5238 रन रहे। गंभीर ने भारत के लिए 37 टी-20 मैच भी खेले।