बीसीसीआई की जानबूझकर देर करने की नीति से खिन्न होकर प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को क्रिकेट बोर्ड को तुरंत चैम्पियंस ट्राफी टीम घोषित करने का निर्देश दिया। बता दें कि सीओए बीसीसीआई को पहले भी इस संबंध में सूचना भेज चुका है लेकिन आज संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी को लिखे गए सात-बिंदु के पत्र में काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।
दुनिया के सबसे अमीर बोर्ड ने आईसीसी के प्रस्तावित नए वित्तीय मॉडल के संदर्भ में जानबूझकर टीम भेजने की 25 अप्रैल की अंतिम समयसीमा का पालन नहीं किया, जिसके अंतर्गत बीसीसीआई का राजस्व 57 लाख डालर से घटाकर 29.3 लाख डालर कर दिया गया है। सीओए ने एक मेल सभी अधिकारियों को भेजा है जिसमें कहा गया है कि टीम चयन में देरी से भारतीय क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेटरों की छवि ‘नकारात्मक’ हो रही है।
इस पत्र के पांचवें बिंदु के अनुसार, ‘‘आप इस बात से वाकिफ हो कि भारत का आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी 2017 में प्रतिनिधित्व करने वाली टीम को 25 अप्रैल 2017 तक सौंपना था लेकिन टीम का अभी तक चयन भी नहीं किया गया है। कृप्या करके चयन समिति की बैठक बुलाइए और तुरंत टीम का चयन कीजिए। टीम फिर आईसीसी में सौंपी जा सकती है। ’’ सीओए ने कहा कि अधिकारियों को टीम को टूर्नामेंट से हटाने से पहले यह ध्यान में रखना चाहिए कि भारतीय टीम इस समय दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम है।
पत्र के अनुसार, ‘‘भारतीय क्रिकेट की अनिश्चितता और संशय भरी छवि के बजाय टीम इंडिया को अच्छा माहौल मुहैया कराया जाना चाहिए। भारत की आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी में भागीदारी को लेकर काफी नकारात्मक चीजें हो चुकी हैं और जल्द ही बेहतरी के लिए इसका अंत किया जाना चाहिए। ’’साथ ही सीओए ने अधिकारियों और राज्य इकाई के अधिकारियों को याद दिलाया कि खिलाड़ियों का हित सर्वोपरि है।
