पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने सोमवार (23 जनवरी) को कहा कि पिछले कुछ दशक से क्रिकेट प्रशासन में गड़बड़झाला जान बूझकर जारी था और लोढ़ा समिति द्वारा सुझाये गए सुधारों को 50 बरस पहले लागू किया जाना चाहिये था। बेदी ने ‘जयपुर साहित्योत्सव’ में कहा,‘क्रिकेट प्रशासन में ये सुधार 50 बरस पहले लागू किये जाने चाहिये थे। उच्चतम न्यायालय ने स्वयं कोई फैसला नहीं लिया लेकिन क्रिकेट प्रशासन में शुचिता और ईमानदारी आई है और इसीलिये लोढ़ा समिति महत्वपूर्ण थी।’
बोर्ड के संचालन के लिये संभावित समिति में बेदी के नाम की भी चर्चा है। उन्होंने कहा,‘बीसीसीआई को सुनिश्चित करना होगा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश का पालन हो।’ उन्होंने कहा,‘जस्टिस लोढ़ा समिति के साथ नयी शुरुआत हुई है लेकिन बीसीसीआई और राज्य संघों के कुछ लालची क्रिकेट अधिकारी इसका हिस्सा बनने को तैयार नहीं है।’ बेदी ने कहा,‘सभी राजनीतिज्ञ चाहे भाजपा के हो, कांग्रेस या अन्य दल के, वे सभी एक हो जाते हैं। संसद में उनके आपसी मतभेद हो सकते हैं लेकिन क्रिकेट में सभी एक हो जाते हैं।’

