पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलन बोर्डर ने गुरुवार (23 फरवरी) को भारत के खिलाफ पुणे में पहले टेस्ट मैच के दौरान मैट रेनशॉ के पेट में गड़बड़ी के कारण पारी के बीच में रिटायर होने की आलोचना की। रेनशॉ ने अपने सलामी जोड़ीदार डेविड वॉर्नर के आउट होने के तुरंत बाद अंपायर से बात की। उन्होंने उसी समय क्रीज पर उतरे बल्लेबाज स्टीव स्मिथ से भी बात की और फिर ड्रेसिंग रूम की तरफ इशारा किया और रिटायर्ड होकर पवेलियन लौट गये। रेनशॉ का इस तरह से क्रीज छोड़ना हालांकि बोर्डर को नागवार गुजरा। इस सलामी बल्लेबाज ने फिर वापसी की और कुल 68 रन बनाए। बोर्डर ने फोक्स स्पोर्ट्स से कहा, ‘एक कप्तान के तौर पर मैं इससे खुश नहीं होता। मैंने ऐसे पहले कभी नहीं देखा। उसका उसी समय पेट खराब हुआ और वह शायद डेविड वॉर्नर के आउट होने के तुरंत बाद दौड़ लगाकर शौचालय जाने की कोशिश कर रहा था।’
रेनशॉ ने कहा, ‘तब मुझे शौच के लिये जाना था’
ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज मैट रेनशॉ तब चर्चा का विषय बन गए जबकि भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन उन्हें डेविड वॉर्नर के आउट होने के तुरंत बाद शौच के लिये जाना पड़ा और निश्चित तौर पर कप्तान स्टीव स्मिथ इससे खुश नहीं थे। वॉर्नर जैसे ही आउट हुए, रेनशॉ को कप्तान स्मिथ के साथ बात करते हुए देखा गया जो उसी समय क्रीज पर उतरे थे। इसके बाद उन्होंने मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबोरोग से बात की और फिर पवेलियन लौट गये। कोई भी इस 20 वर्षीय खिलाड़ी पर हंस सकता है लेकिन जब उनसे इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसे सहजता से लिया। असल में उनसे उनकी 68 रन की जुझारू पारी के बजाय शौच के लिये जाने की घटना को लेकर अधिक सवाल किये।
रेनशॉ ने कहा, ‘यह सब अचानक हुआ। डेवी (वॉर्नर) के आउट होने से पांच या दस मिनट पहले मैंने रिचर्ड (अंपायर केटेलबोरोग) से पूछा कि लंच में अभी कितना समय है और उन्होंने मुझे बताया कि आधा घंटा और इसके बाद मैं काफी परेशानी में था। यह वास्तव में अच्छी स्थिति नहीं थी।’ रेनशॉ से पूछा गया कि जब उन्होंने कप्तान स्मिथ को अपनी स्थिति के बारे में बताया तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी, उन्होंने कहा, ‘वह इससे खुश नहीं थे लेकिन वह समझते हैं कि जब आपको शौच के लिये जाना होता हो तो आपको जाना ही पड़ेगा। यह आदर्श स्थिति नहीं थी लेकिन यही जिंदगी। निश्चित तौर पर हमने उसी समय विकेट गंवाया था और दो नये बल्लेबाज क्रीज पर आ गये थे। यह मुश्किल परिस्थिति थी और वह समझते थे। हमने बाद में बात की और अब सब कुछ सही है।’
रेनशॉ ने कहा कि उन्हें इस बारे में नियमों की ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में नियमों के बारे में ज्यादा पता नहीं था। मुझे नहीं पता था कि आप बीमार होने पर रिटायर्ड हो सकते हो इसलिए मैं लंच तक बल्लेबाजी करना चाहता था। इसके बाद बल्लेबाजी के लिये इंतजार करना कुछ अजीब था क्योंकि सलामी बल्लेबाज के रूप में आपको सीधे बल्लेबाजी के लिये उतरना पड़ता है। बल्लेबाजी के लिये इंतजार करना सबसे चुनौतीपूर्ण होता है।’
भारत के सहायक कोच संजय बांगड़ भी स्थिति को समझते थे। उन्होंने कहा, ‘जब आपको शौच के लिये जाना हो तो फिर कितनी भी इच्छाशक्ति और मानसिक मजबूती उसे नियंत्रित नहीं कर सकती। उसे जाना ही था। शायद वह रोक सकता था। उसने कप्तान स्टीव स्मिथ से भी बात की कि वह ऐसा करे या नहीं। लेकिन एक स्थिति ऐसी आती है कि उस पर नियंत्रण नहीं रखा जा सकता। ऐसी घटनाएं होती है।’ बांगड़ ने कहा, ‘उसने जिस तरह से वापसी की उसका श्रेय उसे जाता है। उसने शुरुआत भी अच्छी की थी। उसने जज्बा दिखाया।’

