क्रिकेटर से कमेंटेटर बने आकाश चोपड़ा ने सोमवार को कहा कि विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में विभिन्न संस्थानों के छात्रों की पुलिस के साथ भिड़ंत की तस्वीरें बेहद तकलीफदेह हैं। विरोध की आवाज कुचलने से आंदोलनकारी भारत के खिलाफ हो जाएंगे। भारत की ओर से 10 टेस्ट खेलने वाले 42 साल के पूर्व बल्लेबाज चोपड़ा ने ट्विटर पर चिंता जताई। चोपड़ा ने ट्वीट किया, ‘देश भर के शैक्षिक संस्थानों से आ रही तस्वीरें बेहद तकलीफदेह हैं। आंखों में आंसू हैं। वे हमारे में से एक हैं। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बलपूर्वक उनकी आवाज कुचलकर हम भारत को महान नहीं बना पाएंगे। आप सिर्फ उन्हें भारत के खिलाफ कर दोगे।’’
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया पर पुलिस की कार्रवाई और संशोधित नागरिकता कानून को लेकर नाराजगी सोमवार को देश के कई शैक्षिक संस्थानों में दिखी। केरल से पश्चिम बंगाल तथा तेलंगाना से उत्तर प्रदेश तक विरोध प्रदर्शन हुए। जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में आंसू गैस के इस्तेमाल और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की स्वीकृति के बिना पुलिस के परिसर में घुसने की जांच को लेकर हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए।
Deeply disturbing visuals from educational institutions across the country. Teary eyed. They are one of us. These kids are the future of this country. We don’t make India great by silencing their voices with the use of force. You’ll only turn them against India.
— Aakash Chopra (@cricketaakash) December 16, 2019
पूर्वोत्तर के कई राज्यों और पश्चिम बंगाल में इस कानून को लेकर हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। वहीं 2007 आईसीसी वर्ल्ड टी20 टूर्नमेंट जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे इरफान पठान ने ट्वीट किया, ‘राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तो चलते रहेंगे लेकिन मैं और हमारा देश जामिया मिलिया के छात्रों को लेकर चिंतित है।’
दिल्ली के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई और प्रदर्शन पर वाइस चांसलर डॉक्टर नजमा अख्तर ने भी अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों पर जो कार्रवाई हुई है इससे हम आहत हैं।