मनोज जोशी
जिस खिलाड़ी को कुछ साल पहले आस्ट्रेलियाई सीरीज में भुवनेश्वर की जगह टीम इंडिया में शामिल किया गया था, वही खिलाड़ी आज आइसीसी रैंकिंग में दुनिया का नम्बर एक गेंदबाज़ होने के अलावा विश्व कप में भारत का सबसे भरोसे का खिलाड़ी है। आलम ये है कि इस खिलाड़ी ने एक ही कैलेंडर वर्ष में दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ एक पारी में पांच विकेट लेने वाले पहले एशियाई होने का रेकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है। हम बात कर रहे हैं भारतीय स्पीडस्टर जसप्रीत बुमराह की, जिनसे आज दुनिया का हर धाकड़ बल्लेबाज खौफ खाता है और भारतीय टीम उनके प्रदर्शन के दम पर विश्व कप का खिताब तीसरी बार जीतने का सपना संजोये हुए है।
कभी बुमराह यॉर्कर गेंदों के फनकार होते थे। यहां तक की इस क्षेत्र में माहिर श्रीलंका के स्पीडस्टर लसित मालिंगा भी उनकी इस कला का लोहा माना करते थे। जब से दोनों ने आइपीएल में मुम्बई इंडियंस का दामन थामा, तब से बुमराह की इस कला में खासा निखार हुआ। जैसे-जैसे उन पर हर फॉर्मेट की जिम्मेदारी सौंपी गई, वैसे-वैसे बुमराह ने अपने तरकश में यॉर्कर के अलावा कई तीर इकट्ठे कर लिए। इनमें स्लोअर बॉल प्रमुख थी। धीरे-धीरे उन्होंने धीमी गेंदों में भी काफी विविधता हासिल कर ली। आज वह अपने एक्शन में बदलाव किए बिना बिंदास अंदाज में स्लोअर करते हैं जो उनकी विकेट चटकाने वाली गेंद है। इंग्लैंड में जहां धीमी पिचें हैं, वहां उनकी ऐसी गेंदें खूब कहर बरपाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्लोवर बाउंसर भी विकसित कर ली है जिसकी लाइन मिडिल से लेग स्टम्प की ओर होती है जिसमें बल्लेबाज अक्सर गच्चा खा जाता है और टॉप एज यानी गेंद बल्ले के ऊपरी हिस्से से लगकर सीधे फील्डर के हाथ में जाती है।
बेशक बुमराह को इस विश्व कप में मिशेल स्टार्क और मुस्तफिजर रहमान जितने विकेट न मिल पाए हों लेकिन वह इस सूची में इन दोनों के बाद तीसरे स्थान पर हैं लेकिन इनका औसत इन दोनों से बेहतर रहा है जबकि उनकी इकॉनमी इस विश्व कप में भाग ले रहे किसी भी नियमित गेंदबाज़ से अच्छी रही है। सच तो यह है कि उनकी गेंदबाजी अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा उपयोगी साबित हुई है और वह अपने कप्तान के हर भरोसे पर खरे उतरे हैं। शुरुआती ओवरों में दुनिया का हर बल्लेबाज उन्हें बहुत सावधानी के साथ खेलता है। विराट उन्हें बीच के ओवरों में एक या दो ओवरों के लिए लाते हैं। फिर डेथ ओवरों में उनकी विकेट चटकाने की मारक क्षमता देखने लायक है। वह इन ओवरों में मिशेल स्टार्क के बाद सबसे किफायती हैं।
इस विश्व कप में अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ वे एक ही ओवर में दो-दो विकेट चटकाकर मैच के टर्निंग पॉइंट साबित हुए। दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के खिलाफ शीर्ष बल्लेबाजों को आउट करके उन्होंने जहां जीत का आधार तैयार किया तो वहीं आॅस्ट्रेलिया के खिलाफ उस्मान ख्वाजा के अलावा निचले क्रम के दो बल्लेबाज़ों को निपटाकर उन्होंने जीत की रस्म अदायगी की। इंग्लैंड के बेन स्ट्रोक जब बेहद खतरनाक साबित हो रहे थे, तब उन्होंने उनका अहम विकेट चटकाया। बुमराह की उम्दा गेंदबाज़ी की बदौलत आज डेविड गॉवर से लेकर शोएब अख्तर तक हर कोई उनका मुरीद है और वे मौजूदा भारतीय आक्रमण को अब तक का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज़ी आक्रमण कह रहे हैं।