ICC World Cup 2019: विकेटकीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी वर्ल्ड कप के बाद संन्यास ले सकते हैं। अगर टीम इंडिया 14 जुलाई को वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेलती है और इसे जीत जाती है तो धोनी क्रिकेट जगत को अलविदा कह देंगे। फाइनल मैच ही धोनी का आखिरी मैच होगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बीसीसीआई के एक अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी।
हालांकि धोनी के संन्यास पर टीम प्रबंधन और बीसीसीसीआई ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। भारत ने सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है। ऐसे में टूर्नामेंट के इस पड़ाव पर आकर कोई भी बीसीसीआई अधिकारी इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहा है।
मौजूदा चयन समिति के अक्टूबर में होने वाली आम सालाना बैठक तक रहने की संभावना है और वह निश्चित रूप से अगले साल आस्ट्रेलिया में होने वाले आईसीसी विश्व टी20 को देखते हुए बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर देगी।
धोनी 2014 में टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं। इसके बाद उन्होंने जनवरी 2017 में वनडे क्रिकेट की कप्तानी छोड़ी थी। भारत को अगले साल ऑस्ट्रेलिया में टी20 अंतरराष्ट्रीय वर्ल्ड कप भी खेलना है। ऐसे में धोनी के संन्यास के बाद चयनकर्ताओं उनके विकल्प की तलाश करेंगे।
मालूम हो कि धोनी बीते कुछ समय से अपनी धीमी बल्लेबाजी को लेकर आलोचकों के निशाने पर हैं। धोनी बीते कुछ समय से डेथ ओवर्स में धीमी गति से रन बना रहे हैं। जबकि धोनी को डेथ ओवर्स में तेजी से रन बनाने में माहिर माना जाता रहा है। इस वर्ल्ड कप में धोनी का अबतक का प्रदर्शन फीका ही रहा है।
धोनी ने टूर्नामेंट में अबतक खेले गए 8 मैचों में 93 की स्ट्राइक रेट से 223 रन बनाए हैं। हालांकि कुछ ने उनकी बल्लेबाजी में इच्छा की कमी और कुछेक ने एक फिनिशर के रूप में उनकी कम होती काबिलियत की ओर इशारा किया। सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली ने भी उनके बल्लेबाजी करने के रवैये की आलोचना की। इससे टीम प्रबंधन अच्छी तरह से जानता है कि वे अपने ‘प्रिय कप्तान’ को विश्व कप से आगे नहीं खिला सकते हैं।
धोनी ने 2004 में अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। पांचवें वनडे मैच में उन्होंने 148 रनों की पारी खेल सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। धोनी की कप्तानी में भारत ने 2007 में टी20 और फिर 2011 में आईसीसी वर्ल्ड कप जीता।