अमित कामत: भारत के 18 साल के ग्रैंड मास्टर ने डी गुकेश ने गुरुवार को वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। वह यह चैंपियनशिप जीतने वाले अब तक के सबसे युवा खिलाड़ी हैं वहीं भारत में विश्वनाथन आनंद के बाद यह कारनामा करने वाले वह महज दूसरे ही भारतीय हैं।

गुकेश की सफलता में उनके अलावा कई लोगों का हाथ है जिन्होंने उन्हें इस चैंपियनशिप के लिए तैयार किया। अलग-अलग देशों के ग्रैंडमास्टर और कोज के अलावा मेंटल स्ट्रैंथनिंग कोच पैडी अप्टन भी इस जीत का अहम हिस्सा हैं। वही पैडी अप्टन जिन्होंने इससे पहले भी भारत की कई ऐतिहासिक जीत में भूमिका निभाई है।

पैडी अप्टन साल 2011 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। उन्होंने टीम को मेंटल स्ट्रैंथनिंग कोच के तौर पर संभाला था। इसके बाद अप्टन भारतीय हॉकी टीम से जुड़े। उनके टीम के साथ रहते हुए ही भारतीय हॉकी पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में लगातार दूसरी बार ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही। अब अप्टन ने गुकेश को भी वर्ल्ड चैंपियन बनाने में अहम भूमिका निभाई।

पैडी अप्टन शुरुआत में गुकेश के साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब इसको अपने लिए एक बड़ी बात मानते हैं। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पैडी अप्टन ने कहा, ‘मैं शुरुआत में गुकेश के साथ काम करने के लिए राजी नहीं था क्योंकि मैं कम उम्र के खिलाड़ियों के साथ काम करना पसंद नहीं करता हूं। मुझे आमतौर पर लगता है कि वह दिमाग से ज्यादा परिपक्व नहीं होते हैं और ऐसे में उनके साथ काम करना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन गुकेश अलग है और उनके साथ काम करना मेरे लिए एक तरीके का वरदान था। वह बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट है और साथ ही चीजों की बहुत अच्छी समझ भी रखते हैं उनके साथ कई जटिल बातचीत हुई है।’

गुकेश के बारे में बात करते हुए पैडी अप्टन ने आगे कहा, ‘वह खुद के बारे में काफी चीजें जानता है। वह बहुत समझदार है। सिर्फ गेम के हिसाब से ही नहीं बल्कि उसके बाहर भी वह दिमागी तौर पर बहुत परिपक्व है। उसके साथ बातचीत करते हुए कई बार 1 घंटे के सेशन आधे घंटे और बढ़ जाते थे। वह बहुत सवाल पूछता है और उसमें हर बार कुछ सीखने की भूख रहती है जो की बहुत जरूरी है।’

अप्टन ने बताया कि आमतौर पर वह टीमों को सिखाते हैं कि विरोधी की जरूरत से ज्यादा इज्जत न की जाए। हालांकि गुकेश के मामले में उन्हें उलटा करना पड़ा। अप्टन जानते थे कि भले ही डिंग लिरेन उस समय फॉर्म में नहीं हो लेकिन वर्ल्ड चैंपियनशिप के समय वह अपने फार्म में वापस आ सकते हैं। ऐसे में उन्होंने गुकेश को यह चीज समझाई और बाकी ग्रैंड मास्टर के साथ मिलकर उनको टॉप फॉर्म लिरेन के खिलाफ खेलने की ही तैयारी कराई।

जैसा अप्टन ने सोचा था वैसा ही हुआ क्योंकि कैंडीडेट्स और के ओलिंपियाड में संघर्ष करने वाले लिरेन वर्ल्ड चैंपियनशिप में अपने टॉप फॉर्म में नजर आए। हालांकि उन्हें गुकेश से लगातार टक्कर मिली और कहीं पर भी ऐसा नहीं लगा की लेकिन इस मुकाबले में एक तरफ जीत हासिल कर सकते हैं।