International Hockey Player Abhishek: कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेनी वाली पुरुष हॉकी टीम में हरियाणा के सोनीपत के रहने वाले अभिषेक को भी मौका मिला है। 22 साल के अभिषेक ने 2022 की शुरुआत में भारतीय हॉकी टीम में जगह बनाई थी। बचपन में दोस्त को देखकर हॉकी को करियर बनाने वाले अभिषेक के लिए सीनियर टीम में जगह बनाने तक का सफर आसान नही रहा है। अभिषेक को उनके परिवार का भी साथ नहीं मिला था। हालांकि, उन्हें अपने गुरु का जरूर साथ मिला।

अभिषेक की इस सफलता में उनके कोच और हिंदी के टीचर रहे शमशेर सिंह का बड़ा योगदान है। कोच के समझाने के बाद अभिषेक के परिजन ने उन्हें हॉकी खेलने की मंजूरी दी थी। ‘मास्टरजी’ के नाम से मशहूर शमशेर सिंह हिंदी के अध्यापक थे। शमशेर सिंह दुनिया के शीर्ष फुटबॉलर्स में से एक लियानेल मेसी के फैन थे। शमेशर सिंह खिलाड़ियों को मेसी के बारे में बताकर उनका उत्साह बढ़ाते थे।

शमशेर सिंह की कोचिंग का तरीका सबसे अलग था। वह खिलाड़ियों को मैदान पर अपने हिसाब से खेलने की छूट देते थे। अभिषेक ने बताया, ‘मास्टरजी को मेसी पसंद थे उन्होंने हमे मेसी के बहुत से वीडियो दिखाए। इसी कारण मुझे स्ट्राइकर बनाया। उन्होंने हमे पढ़ने के लिए कहा ताकि हम अपने विचारों से स्पष्ट रहें। उन्होंने हमे कुछ वीडियो देखने के लिए कहा ताकि हम सीखकर वैसा ही कर सकें।’ ‘मास्टरजी’ एक दशक से ज्यादा समय तक अभिषेक के कोच रहे।

हॉकी कोचिंग के दौरान ही एक हादसे में अभिषेक की जान जाते-जाते बची थी। दरअसल, ‘मास्टरजी’ दो घंटे के लिए बाहर गए हुए थे। अभिषेक जहां प्रैक्टिस करते थे, वहीं पास में एक शहतूत का पेड़ था। अभिषेक ने दोस्तों के साथ मिलकर पेड़ से शहतूत तोड़ने का प्लान बनाया। अभिषेक को लगा था कि ‘मास्टरजी’ अभी आने वाले नहीं हैं और जिस घर में पेड़ लगा था वहीं भी कोई नहीं है।

अभिषेक जब पेड़ पर चढ़कर शहतूत तोड़ रहे थे, तभी अचानक नीचे खड़ा लड़का चिल्लाया ‘आ गए।’ यह सुनते ही हड़बड़ाहट में अभिषेक ने ऊपर से ही छलांग लगा दी। लेकिन उनका हाथ दीवार पर लगे कांटों की तार में फंस गया। दीवार पर कांच भी लगे थे। वे भी उनके हाथ में घुस गए। इस कारण अभिषेक के हाथ की नस कट गई और खून बहने लगा। अभिषेक को तत्काल अस्पताल ले जाया गया वहां, उनका ऑपरेशन किया। उन्हें 15 टांके लगे।

अभिषेक ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया, ‘जैसे ही मैं पेड़ से कूदा, मेरा बायां हाथ बाड़े (कांटे की तार) में अटक गया। नस कट गई और खून बहने लगा। मुझे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। यदि पांच मिनट भी देर से पहुंचता तो मेरा खेल खत्म था। मर जाता मै वहां। यह मेरी दूसरी जिंदगी है।’

बता दें कि कॉमनवेल्थ गेम्स की शुरुवात 28 जुलाई से बर्मिंघम में होनी है। इस मल्टी स्पोर्ट इवेंट की मेजबानी इंग्लैंड करेगा। कॉमनवेल्थ खेलों में 18वीं बार भारत हिस्सा ले रहा है। इन खेलों में भारत ने पहली बार 1934 में हिस्सा लिया था। तब से अब तक भारत इन खेलों में कुल 503 मेडल जीत चुका है कॉमनवेल्थ मेम्स में पहली बार भारतीय महिला क्रिकेट टीम भी हिस्सा लेगी।