चैंपियंस ट्रॉफी में मेजबान पाकिस्तान का अभियान खत्म हो चुका है। टीम एक भी मैच जीते बिना ही बाहर हो गई। पाकिस्तान को न्यूजीलैंड (60 रन से) और भारत (छह विकेट से) से बड़ी हार के साथ समय से पहले समाप्त हो गया। रावलपिंडी में बांग्लादेश के खिलाफ उनका अंतिम ग्रुप मैच लगातार बारिश के कारण एक भी गेंद फेंके बिना रद्द कर दिया गया था। इस हार से पाकिस्तानी फैंस का दिल टूट गया और अधिकारी भी टीम से नाराज हैं।
संसद में उठ सकता है मुद्दा
इस हार के बाद पाकिस्तान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से चैंपियंस ट्रॉफी में देश की क्रिकेट टीम के निराशाजनक प्रदर्शन का मामला संसद और संघीय मंत्रिमंडल में उठाने का अनुरोध करेंगे।
राजनीतिक और सार्वजनिक मामलों पर प्रधानमंत्री के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने जियो टीवी चैनल को कहा, ‘‘(पाकिस्तान) क्रिकेट बोर्ड एक स्वतंत्र संस्था है। वह जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं। मैं प्रधानमंत्री से कैबिनेट और संसद में इस मामले पर चर्चा करने का अनुरोध करूंगा।’’
पीसीबी सरकार को जवाबदेह है
उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब जमीनी स्तर और क्लब स्तर पर हालात निराशाजनक बने हुए हैं, पीसीबी को खर्च किए गए पैसे के लिए जवाबदेह बनाने की जरूरत है। उन्होंने दावा किया, ‘‘उच्च स्तर (पीसीबी) पर होने वाले खर्च को देश और संसद के सामने लाया जाना चाहिए। सलाहकारों को पांच मिलियन रुपये का भुगतान किया जा रहा है और उन्हें मीडिया में यह स्वीकार करते हुए सुना गया है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से अनजान हैं। इसलिए वे काम न करने के लिए पैसे ले रहे हैं।’’
पीएम खुद देंगे ध्यान
उन्होंने कहा, ‘‘आप अगर खिलाड़ियों और अधिकारियों को पीसीबी के भत्ते और विशेषाधिकारों को देखेंगे, तो आपको आश्चर्य होगा कि क्या यह पाकिस्तान है या कोई प्रगतिशील यूरोपीय देश है। ये ऐसी चीजें हैं जिन पर प्रधानमंत्री खुद ध्यान देंगे।’’