पेरिस सेंट-जर्मेन (पीएसजी) ने डिजायर डोए के दो गोल की मदद से शनिवार देर रात म्यूनिख में खेले गए एकतरफा फाइनल में इंटर मिलान को 5-0 से करारी शिकस्त देकर पहली बार यूरोपीय क्लब फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतियोगिता चैंपियंस लीग जीती। पीएसजी ने दर्शकों के अपार समर्थन के बीच बेहतरीन खेल का नजारा पेश किया और इंटर के समर्थकों को आखिरी सीटी बजने से पहले ही स्टेडियम छोड़ने के लिए मजबूर किया।

पेरिस सेंट-जर्मेन की तरफ से डोए ने 20वें और 63वें मिनट में गोल किए। उनके अलावा अचरफ हकीमी (12वें), ख्विचा क्वारात्सखेलिया (73वें) और स्थानापन्न सेनी मायुलु (86वें) ने 1-1 गोल करके पीएसजी की रिकॉर्ड जीत सुनिश्चित की। यह पिछले 70 वर्षों में चैंपियंस लीग के फाइनल में किसी भी टीम की सबसे बड़ी जीत है। इस खिताब के साथ पेरिस सेंट-जर्मेन ने 54 साल का सूखा भी खत्म किया। यूरोपीय फुटबॉल क्लब पेरिस सेंट-जर्मेन की स्थापना 12 अगस्त 1970 यानी करीब 54 साल पहले हुई थी।

पीएसजी (Paris Saint-Germain) के कोच लुई एनरिक ने कहा, ‘अब हमारे पास चैंपियंस लीग की ट्रॉफी है। जब मैं पीएसजी से जुड़ा था तो मैंने पहले दिन ही कहा था कि हमारा लक्ष्य चैंपियंस लीग का खिताब जीतना है। यह एकमात्र ट्रॉफी थी जिसे हम अब तक नहीं जीत पाए थे।’ यह वह ट्रॉफी थी जो लियोनेल मेसी, नेमार या किलियन एमबाप्पे भी फ्रांस के इस क्लब को नहीं दिला पाए थे। इससे पहले पीएसजी 2020 में चैंपियंस लीग के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन तब वह बायर्न म्यूनिख से हार गया था, जिसके बाद नेमार लिस्बन के खाली स्टेडियम में रो पड़े थे।

कोरोना महामारी के कारण तब यह मैच खाली स्टेडियम में खेला गया था। हालांकि, इस बार माहौल पूरी तरह से अलग था। पीएसजी के हजारों समर्थक स्टेडियम में मौजूद थे। वे झंडे लहरा रहे थे, पटाखे जला रहे थे और अपने प्रतिद्वंद्वियों इंटर के समर्थकों का शोरगुल दबा रहे थे, जिनमें से कई समर्थक अंतिम सीटी बजने से काफी पहले ही स्टेडियम से चले गए थे।

पीएसजी समर्थक पूरे दिन म्यूनिख की सड़कों पर पार्टी करते रहे, लेकिन वह उस खुशी के दृश्य की तुलना में कुछ भी नहीं था, जब कप्तान मार्क्विनहोस ने ट्रॉफी को अपने हाथों में उठाया और उनके पीछे आतिशबाजी और सुनहरे कंफेद्दी (कागज के छोटे टुकड़े) हवा में उड़ रहे थे।