भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली रविवार को बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के अध्यक्ष पद की दौड़ से हट गए। इससे उनके बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली का 31 अक्टूबर को वार्षिक आम बैठक (AGM) में शीर्ष पद पर निर्विरोध चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। गांगुली ने नामांकन के आखिरी दिन अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र नहीं भरा। गौरतलब है कि 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रोजर बिन्नी को बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
क्या कहा गांगुली ने
बीसीसीआई का अध्यक्ष नहीं चुने जाने के बाद गांगुली ने एक सप्ताह पहले घोषणा की थी कि वह कैब प्रमुख के रूप में वापसी करने के लिए चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने ईडन गार्डंस पर पत्रकारों से कहा,‘‘ मैंने कहा था कि मैं तभी अपनी दावेदारी पेश करूंगा जब चुनाव होंगे। चुनाव नहीं हो रहे हैं और इसलिए सभी को निर्विरोध चुना जाएगा।
कैब में मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं
गांगुली ने आगे कहा, “अगर मैं चुनाव लड़ता तो फिर दो या उससे अधिक लोगों को कोई पद नहीं मिलता इसलिए मैं हट गया। मैं निर्विरोध चुना जाता, लेकिन मुझे लगा कि यह सही नहीं है। वे (कैब पदाधिकारी) अगले तीन साल तक काम करेंगें और हम उसके बाद देखेंगे।’’ अपनी अगली पारी के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “देखते हैं। मैं कुछ समय के लिए जिम्मेदारियों से मुक्त हूं और मैं इससे खुश हूं। कैब में मेरा कोई प्रतिद्वंद्वी नहीं है, यहां हर कोई मेरा दोस्त है। बोर्ड को चलाने के लिए यहां नए और अनुभवी लोग हैं। मैं भी आसपास रहूंगा और वे मुझसे कभी-कभी मिलेंगे।
कैब के सचिव रह चुके हैं स्नेहाशीष गांगुली
स्नेहाशीष गांगुली, जो अविषेक डालमिया के अध्यक्ष रहते सचिव थे, अब बोर्ड को चलाएंगे। वहीं अमलेंदु विश्वास उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया जाएगा। वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के नेता मयूख के पिता हैं। नरेश ओझा सचिव की कुर्सी संभालेंगे, जबकि प्रबीर चक्रवर्ती और देवव्रत दास क्रमशः कोषाध्यक्ष और संयुक्त सचिव के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल जारी रखेंगे।
