रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) पर से निलंबन हटाने के खेल मंत्रालय के फैसले की सराहना करते हुए पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने मंगलवार (11 मार्च) को कहा कि न्याय हुआ है क्योंकि षड्यंत्रकारी अपनी योजना में सफल नहीं हुए। उन्होंने नए अध्यक्ष संजय सिंह और अन्य पदाधिकारियों से खिलाड़ियों के हित में निष्पक्ष निर्णय लेने की सलाह दी। दिसंबर 2024 में चुनाव के तीन दिन बाद ही कुशासन के कारण निलंबित किए गए भारतीय कुश्ती महासंघ को एनएसएफ का दर्जा बहाल कर दिया। ऐसा बृज भूषण के परिसर से कार्यालय को हटाने जैसे कदम उठाए गए।

देश के शीर्ष पहलवान विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और साक्षी मलिक ने आरोप लगाया था कि बृज भूषण ने अपने कार्यकाल के दौरान जूनियर पहलवानों का यौन शोषण किया। जनवरी 2023 में जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी और डब्ल्यूएफआई में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की गई। मामला अभी भी अदालत में है, जबकि बृजभूषण के वफादार संजय सिंह उसी साल बाद में चुनाव जीत गए। कुछ महीनों तक आईओए की एडहॉक कमिटी ने कामकाज देखा, लेकिन चुनावों के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू द्वारा निलंबन हटा लेने के बाद समिति को भंग कर दिया गया।

होली से पहले कुश्ती से जुड़े सभी लोगों को तोहफा

बृजभूषण ने प्रेस को बताया, “26 महीनों तक कई साजिशें रची गईं, झूठे आरोप लगाए गए और भारतीय कुश्ती को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन षड्यंत्रकारी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाए। इस विवाद के कारण भारतीय टीमें अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले पाईं, ट्रेनिंग कैंप बंद हो गए और खेल को नुकसान उठाना पड़ा। होली से पहले कुश्ती से जुड़े सभी लोगों के लिए यह तोहफा है। खेलों में ऐसी स्थितियां पहले भी थीं, लेकिन अब न्याय हुआ है।”

पारदर्शी तरीके से ट्रायल होने चाहिए

डब्ल्यूएफआई के कामकाज को फिर से शुरू करने के साथ ही बृजभूषण शरण सिंह ने नए अध्यक्ष संजय सिंह और अन्य पदाधिकारियों से खिलाड़ियों के हित में निष्पक्ष निर्णय लेने और किसी भी तरह के भेदभाव से बचने का आग्रह किया। बृजभूषण ने कहा, ” अब पारदर्शी तरीके से ट्रायल होने चाहिए और खिलाड़ियों को समान अवसर मिलना चाहिए। सरकार के सहयोग से ट्रेनिंग कैंप और टूर्नामेंट के आयोजन में तेजी लाई जानी चाहिए। चाहे करन भूषण सिंह हों या बृजभूषण शरण सिंह संघ में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है। अब मैं संघ से जुड़ा नहीं हूं, लेकिन खेल और खिलाड़ियों के प्रति मेरा समर्थन हमेशा बना रहेगा।”

आरोप झूठे थे

बृजभूषण के बेटे और कैसरगंज से भाजपा के लोकसभा सांसद करण भूषण सिंह ने कहा, “यह पूरा आंदोलन सिर्फ इस बात को लेकर था कि कुश्ती संघ में उत्तर प्रदेश का व्यक्ति क्यों है? बृजभूषण शरण सिंह क्यों? आरोप झूठे थे। खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ से 16 महीने बाद बैन हटाया, बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह का ही रहेगा ‘दबदबा’