इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन की डेट्स का ऐलान हो चुका है। दुनिया की सबसे महंगी घरेलू क्रिकेट लीग इस साल यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर खेली जाएगी। आईपीएल गवर्विंग काउंसिल की रविवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लगी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को आईपीएल के आयोजन के लिए खेल मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है। हालांकि, देश से बाहर टूर्नामेंट का आयोजन कराने को लेकर अभी केंद्र सरकार से अनुमति मिलना बाकी है। हालांकि, आईपीएल मीटिंग खत्म होने के बाद से ही बीसीसीआई की आलोचना शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर #BoycottIPL2020 ट्रेंड करने लगा।
बता दें कि बीसीसीआई को एक साल में वीवो से 440 करोड़ रुपये मिलते हैं। चीनी कंपनी के साथ संबंध न तोड़ने के फैसले के बाद से ही बीसीसीआई और सौरव गांगुली ट्रोल रहे हैं। सोशल मीडिया यूजर्स ने लिखा कि बीसीसीआई शर्म करो। एक यूजर ने लिखा कि बीसीसीआई और आईपीएल को अब भी इस फैसले पर सोचना चाहिए। एक एक अन्य यूजर ने लिखा कि देश पहले होता है। बीसीसीआई सिर्फ पैसा कमाना चाहता है। सैनिकों को सम्मान दें और आईपीएल का बहिष्कार करें।
@ashwani_mahajan ने ट्वीट किया, ‘इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक कारोबार है और इस कारोबार को चलाने वाले देश के प्रति असंवेदनशील हैं। यह सुरक्षा की बात है। पूरी दुनिया चीन का बहिष्कार कर रही है, आईपीएल उन्हें पनाह दे रहा है। उन्हें समझना चाहिए कि कुछ भी राष्ट्र से ऊपर नहीं है, यहां तक कि क्रिकेट भी नहीं। लोग आईपीएल का बॉयकॉट करें।’ @gupta_vinod1211 ने लिखा, ‘यदि बीसीसीआई चीनी प्रायोजक का बहिष्कार नहीं कर सकता तो हम आईपीएल का बॉयकॉट करेंगे। हमारे लिए हमेशा राष्ट्र पहले है।’
@Adiashu1 ने @Suhelseth के ट्वीट पर रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘क्योंकि बीसीसीआई आईपीएल पैसे के भूखे हैं, वे चीन द्वारा शहीद किए गए हमारे 20 सैनिकों का सम्मान नहीं करते हैं। लेकिन आईपीएल और जय शाह पैसे से प्यार करते हैं।’ @ParnayWala ने लिखा, ‘इस साल मैंने आईपीएल का बॉयकॉट किया है। मेरे लिए चीनी पैसे से ज्यादा भारतीय सेना और शहीद सैनिक पहले हैं। मैं अपने शहीद सैनिकों के शवों पर जश्न नहीं मना सकता। यदि आप भारत और भारतीय सेना के प्रति वफादार हैं और उससे प्यार करते हैं तो आईपीएल का बॉयकॉट करें।’
दरअसल बैठक में आईपीएल के आयोजन के साथ ही चीनी कंपनियों के साथ करार को लेकर बड़ा फैसला लिया गया। गवर्विंग काउंसिल की बैठक से पहले माना जा रहा था कि बीसीसीआई आईपीएल की मुख्य प्रायोजक चीनी कंपनी वीवो को झटका दे सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बीसीसीआई ने चीनी कंपनी के साथ करार बरकरार रखने का फैसला किया है। वीवो आईपीएल का टाइटल प्रायोजक है, जबकि पेटीएम, ड्रीम 11, बाईजूस और स्विगी में भी चीनी निवेश है। भारत और चीन के बीच मौजूदा तनाव को देखते हुए यह मुद्दा 10 सूत्री एजेंडे में सबसे अहम था।
