अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को नया अध्यक्ष मिल गया है। कल्याण चौबे शुक्रवार को बाईचुंग भूटिया को 33-1 की अंतर से हराकर एआईएफएफ के पहले फुटबॉलर अध्यक्ष बने। शुक्रवार को बाईचुंग भूटिया को 33-1 की अंतर से हराकर एआईएफएफ के पहले फुटबॉलर अध्यक्ष बने। मोहन बागान और पूर्वी बंगाल के पूर्व गोलकीपर चौबे 2015 से भाजपा से जुड़े हुए हैं। वे पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर से पिछला संसदीय चुनाव हार गए थे। चुनाव में मतदान करने वाले राज्य संघ के अधिकारियों ने कहा कि चौबे को पार्टी नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है।

भाजपा के दिवंगत नेता जसवंत सिंह के बेटे मानवेंद्र सिंह ने फुटबॉल महासंघ के चुनाव को लेकर कानून मंत्री किरेन रिजिजू पर बड़ा आरोप लगाया है। राजस्थान फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि रिजिजू ने नई दिल्ली के एक होटल में चुनाव से पहले मतदाताओं के एक वर्ग से मुलाकात की और उन्हें बाईचुंग के खिलाफ वोट करने के लिए प्रभावित किया। मानवेंद्र साल 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

मानवेंद्र ने कहा, “जब फुटबॉल प्रशासक इस तरह से अपने निर्णयों का इस्तेमाल करते हैं, तो आप देख सकते हैं कि भारतीय फुटबॉल किस ओर जा रहा है। अभी पिछले हफ्ते, प्रशासकों ने कहा कि वे अपने वोट का दुरुपयोग नहीं करेंगे। एक सप्ताह के भीतर, उन्होंने अपना रुख बदल लिया। पिछली रात को जो हुआ उससे यह स्पष्ट हो जाता है। एक मंत्री मतदाताओं के एक विशेष वर्ग को बाईचुंग के खिलाफ वोट देने के लिए प्रभावित करने आया।

मानवेंद्र खुद उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव हार गए। यह पूछे जाने पर कि मंत्री कौन है? उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “किरेन रिजिजू मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए होटल आए थे।” चौबे को गुजरात राज्य संघ ने प्रस्तावित किया था और रिजिजू के गृह राज्य अरुणाचल प्रदेश से उन्हें समर्थन मिला। कल्याण ने यह स्वीकार किया कि पूर्व खेल मंत्री गुरुवार की रात होटल में मौजूद थे, लेकिन उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि उन्होंने मतदाताओं को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “यह झूठ है।”

प्रक्रिया में पार्टी या सरकार के हस्तक्षेप के बारे में पूछे जाने पर चौबे ने कहा, “क्या आप एक ऐसे महासंघ का नाम बता सकते हैं जहां सरकार या कोई पार्टी या कोई राजनेता उसका हिस्सा नहीं है?” बता दें कि बाईचुंग भूटिया भी राजनीति में हैं। वह पहले टीएमसी में थे। अब उनकी अपनी पार्टी हमरो सिक्किम है। उनके प्रतिद्वंद्वियों का दावा है कि उन्हें एआईएफएफ के पूर्व अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का समर्थन प्राप्त था।

बता दें कि पिछले अध्यक्षों के विपरीत कल्याण चौबे ने मेंस नेशनल सीनियर टीम को विश्व कप में पहुंचाने का वादा नहीं किया। वह शुक्रवार को बाईचुंग भूटिया को 33-1 की अंतर से हराकर एआईएफएफ के पहले फुटबॉलर अध्यक्ष बने। उन्होंने कहा कि 7 सितंबर को एक अल्पकालिक योजना जारी की जाएगी। कार्यालय में 100 दिन पूरा होने के बाद एक लॉन्ग टर्म विजन जारी किया जाएगा। कल्याण चौबे ने कहा, “हम कभी सपने नहीं बेचेंगे। हम कभी नहीं कहेंगे कि हमने फलाना अकादमी बनाई है और हम अगले आठ वर्षों में विश्व कप खेलेंगे।”