टोक्यो ओलंपिक के दौरान कई दिलचस्प नजारे देखने को मिले चाहें वो अर्जेंटीना के कोच और खिलाड़ी का प्यार हो या फिर 13 साल की बच्ची का गोल्ड। इसी बीच एक खेल भावना का ऐसा अद्भुत नजारा देखने को मिला जिसे शायद कभी किसी ने नहीं देखा होगा। स्पेन के इवान फर्नांडिज (Ivan Fernandez) ने अपनी जीत को दरकिनार करते हुए खेल भावना दिखाई और खुद से आगे चल रहे केन्या के अबेल म्यूताई (Abel Mutai) को धक्का देकर विनिंग लाइन क्रॉस करवाई।

आप  भी सोच रहे होंगे कि ऐसा टोक्यो ओलंपिक के दौरान हुआ क्या। जी नहीं ऐसा टोक्यो ओलंपिक में नहीं हुआ। बल्कि ये वाकिया है 2012 के एक क्रॉस कंट्री रेस इवेंट का। जिसका आयोजन स्पेन में हुआ था।

दरअसल हुआ कुछ ऐसा कि रेस के दौरान केन्या के रेसर म्यूताई आगे चल रहे थे और उनके पीछे थे स्पेन के इवान फर्नांडिज। फिनिशिंग लाइन से कुछ मीटर पहले ही अचानक आगे चल रहे म्यूताई रुक गए और उन्हें लगा कि फिनिशिंग लाइन आ गई। जिसे देखकर पीछे चल रहे इवान आगे नहीं निकले बल्कि उन्होंने चिल्लाते हुए केन्याई रेसर को समझाने की कोशिश की।

स्पेनिश भाषा नहीं समझ आने के चलते केन्याई रेसर जब कुछ नहीं समझ पाया फिर स्पेन के रेसर ने जो किया उसने सबका दिल जीत लिया। इस मौके पर अगर स्पेनिश रेसर चाहते तो आगे निकल जाते लेकिन उन्होंने आगे निकलने की बजाय केन्या के म्यूताई को धक्का देकर विनिंग लाइन क्रॉस करवा दी। उनके इस कदम ने हार के भी उन्हें जिता दिया और वे हीरो बन गए।

इवान ने अपने जवाब से जीता दिल

रेस के बाद जब स्पेनिश रेसर इवान से रिपोर्टर ने पूछा कि आपने आखिर ऐसा क्यों किया और आपने केन्याई रेसर को क्यों जिताया, तो उन्हें शानदार जवाब देते हुए कहा कि,’मेरा सपना है कि आने वाले समय में ऐसा कुछ हो कि हम खुद भी जीतें और दूसरों को पुश करके उन्हें भी जीत दिलाएं।’

आगे इवान ने कहा कि,’मैंने उन्हें नहीं जिताया ये रेस उनकी ही थी। वे जीतने वाले थे। फिर मेरी जीत का क्या महत्व रहता। इस मेडल का क्या सम्मान रहे जाता। मेरी मां मेरे बारे में क्या सोचती। मैं आगे चलके अपने बच्चों को क्या सिखाता। ज्यादातर लोग दूसरों की कमजोरी का फायदा उठाते हैं उन्हें मजबूती देने की बजाय।’