भारतीय कप्तान विराट कोहली को बीसीसीआई ने एक फरमान जारी किया है। एचटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक बोर्ड ने दुनिया में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले खिलाड़ी विराट कोहली से अॉयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) में मैनेजर की नौकरी छोड़ने को कहा है। विराट ने कई स्थानीय टूर्नामेंट्स में ओएनजीसी का प्रतिनिधित्व किया है। भारतीय टीम फिलहाल श्रीलंका में है और पहला टेस्ट मैच खेल रही है। भारतीय क्रिकेट में कॉन्फ्लिक्ट अॉफ इंट्रस्ट का मुद्दा बहुत पुराना है और सुनील गावस्कर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ इसका शिकार बन चुके हैं। दिल्ली के खिलाड़ियों को ओएनजीसी में मानद पद दिए गए थे। गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, इशांत शर्मा भी इसमें शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासक समिति (सीओए) ने बोर्ड को यह साफ कर दिया है कि कोई भी क्रिकेटर किसी भी सरकारी या सार्वजनिक कंपनी में किसी पद पर नहीं हो सकता। सीओए का कहना है कि वह कॉन्फ्लिक्ट अॉफ इंट्रस्ट से बचना चाहती है। बीसीसीआई ने भारतीय कप्तान के अलावा अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और करीब 100 क्रिकेटर्स को सख्त चेतावनी दी है, जो अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में किसी पद पर शुमार हैं। बताया जा रहा है कि नई दिल्ली में होने वाली अगली एसजीएम में यही बैठक का सबसे विवादित मुद्दा होगा।
बता दें कि भारतीय क्रिकेटर्स इनकम टैक्स अॉफिस, बीएसएनएल, इंडियन अॉयल, एचपीसीएल, एयर इंडिया, ओएनजीसी, रेलवे और अॉडिट एंड एक्साइज में मानद पदों पर शुमार हैं। पहली बार कॉन्फ्लिक्ट अॉफ इंट्रस्ट का मामला आईपीएल के पहले सीजन में उठा था, लेकिन कंपनियों से एनओसी मिलने के बाद मामला सुलझ गया था। लेकिन इस बार सीओए ने सख्त नियम बनाते हुए कहा है कि सभी खिलाड़ियों को नया कॉन्ट्रैक्ट देने से पहले उन्हें इन कंपनियों से इस्तीफा देने पड़ेगा। कहा जा रहा है कि इस फैसले से खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच कामकाजी रिश्तों पर असर पड़ सकता है।