भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की शीर्ष परिषद ने शनिवार (22 मार्च) को प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट दलीप ट्रॉफी के फॉर्मेट में बदलाव किया। बीसीसीआई ने एक सीजन बाद ही यू-टर्न लेते हुए इसे पुराने फॉर्मेट में आयोजित कराने का फैसला किया है। अब यह टूर्नामेंट फिर से जोनल फॉर्मेट में खेला जाएगा।
पिछले साल अजीत अगरकर की अगुआई वाली सीनियर सलेक्शन पैनल ने दलीप ट्रॉफी में रणजी ट्रॉफी में खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर टीमों का चयन किया था। अब दलीप ट्रॉफी में ए, बी, सी और डी के बजाय नॉर्थ, साउथ, ईस्ट, वेस्ट, सेंट्रल और नॉर्थ ईस्ट जोन की टीम दिखेगी। बीसीसीआई के व्हाइट बॉल टूर्नामेंट सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में भी रणजी ट्रॉफी की तरह एलीट और प्लेट सिस्टम लागू होगा।
पहले भी हो चुका है बदलाव
1961-62 से 2014-15 तक दलीप ट्रॉफी इंटर जोनल फर्स्ट क्लास मीट के रूप में खेली गई थी। जब राहुल द्रविड़ ने 2015 में एनसीए के प्रमुख के रूप में पदभार संभाला, तो उन्होंने चैलेंजर ट्रॉफी प्रारूप में दलीप ट्रॉफी आयोजित करने का सुझाव दिया। भारतीय टीम के चयनकर्ता इंडिया ब्लू, रेड, ग्रीन टीमों का चयन किया और इस फॉर्मेट का 2019 सत्र तक पालन किया गया।
दलीप ट्रॉफी 2020 और 2021 में नहीं हुई थी
कोविड के कारण दलीप ट्रॉफी 2020 और 2021 सीजन में आयोजित नहीं की गई। 2022 और 2023 में इसका आयोजन जोनल फॉर्मेट में हुआ। 2024 में फिर से टूर्नामेंट का प्रारूप बदल दिया गया और भारतीय टीम के चयनकर्ताओं ने टीमों का चयन किया। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार खिलाड़ियों के बड़े पूल पर नजर रखने और सभी राज्य टीम के प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को मौका देने के लिए बोर्ड पारंपरिक प्रारूप को वापस लाने का फैसला किया।
क्या भारतीय चयनकर्ताओं को चयन समिति में जगह मिलेगी?
इसका मतलब है कि प्रत्येक जोन की एक बार फिर अपनी चयन समिति होगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय चयनकर्ताओं को उनकी क्षेत्रीय चयन समितियों जगह मिलती है या नहीं। वैसे नॉर्थ ईस्ट जोन से कोई चयनकर्ता नहीं है। भारत के पूर्व ओपनर बल्लेबाज और चयनकर्ता देवांग गांधी ने दोनों प्रणालियों को देखा है। उन्हें लगता है कि जोनल फॉर्मेट चयनकर्ताओं को व्यापक टैलेंट पूल को देखने का बेहतर अवसर देता है।
जोनल फॉर्मेट बेहतर क्यों
देवांग गांधी ने कहा, “रणजी ट्रॉफी के प्रत्येक दौर में 18 मैच होते हैं। पांच चयनकर्ताओं में से एक हमेशा भारतीय टीम की ड्यूटी पर होता है। इसलिए बाकी चार चार मैच देखते हैं, जिसका मतलब है कि एक बार में केवल आठ राज्यों को ही कवर किया जा रहा है। सभी प्रतिभाओं को देखना संभव नहीं है, इसलिए जोनल फॉर्मेट में कोई बुराई नहीं है। इससे भारतीय चयनकर्ताओं को सहूलियत होती है।”
सैयद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी में लागू होगा रणजी का यह सिस्टम
बीसीसीई के व्हाइट-बॉल टूर्नामेंट भी रणजी ट्रॉफी की तरह एलीट और प्लेट सिस्टम में खेले जाएंगे। पहले 38 पुरुष टीमें और सर्विसेज को छोड़कर 37 महिला टीमें खेलती थीं। इसके अलावा रेलवे और सर्विसेज को छोड़कर 36 आयु वर्ग की टीमें खेलती थीं। हालांकि, 2025-26 सीजन से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी और 2024-25 सीजन से विजय हजारे ट्रॉफी की नीचे की 6 टीमें प्लेट ग्रुप में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जबकि अन्य टीमें एलीट ग्रुप का हिस्सा होंगी। एलीट ग्रुप की सबसे निचली टीम को प्लेट में रखा जाएगा और प्लेट ग्रुप चैंपियन को एलीट ग्रुप में प्रमोट किया जाएगा। भारत 12 साल बाद वेस्टइंडीज की करेगा मेजबानी।