ढाका में बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका की इमर्जिंग टीमों के बीच खेले गए चार दिवसीय क्रिकेट मैच के दौरान एक ऐसी घटना घटी, जिसने क्रिकेट को ‘जेंटलमैन गेम’ कहलाने की साख पर सवाल उठा दिए। इस मैच में खिलाड़ियों के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया कि मामला न सिर्फ जुबानी जंग तक सीमित रहा, बल्कि हाथापाई तक पहुंच गया। अंपायरों ने बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन खिलाड़ियों के बीच तल्खी कम नहीं हुई।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद बांग्लादेश के 22 वर्षीय बल्लेबाज रिपोन मंडल और साउथ अफ्रीका के 29 वर्षीय तेज गेंदबाज शेपो एंतुली के बीच हुआ। घटना उस समय शुरू हुई जब रिपोन ने एंतुली की गेंद पर एक शानदार छक्का जड़ा। शॉट खेलने के बाद जब रिपोन अपने साथी बल्लेबाज मेहदी हसन की ओर बढ़े, तो उनकी नजर एंतुली से टकराई। इसके बाद एंतुली गुस्से में उनकी ओर दौड़े और दोनों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। एंतुली ने रिपोन का हेलमेट खींचने की कोशिश की, जिससे तनाव और बढ़ गया।
अंपायर कामरुज्जमां ने तुरंत बीच-बचाव की कोशिश की लेकिन एंतुली ने एक बार फिर रिपोन के हेलमेट को निशाना बनाया। हालांकि, अंपायर ने आखिरकार दोनों खिलाड़ियों को अलग कर स्थिति को संभाला। इस दौरान साउथ अफ्रीका की इमर्जिंग टीम के कुछ अन्य खिलाड़ी भी रिपोन की ओर बढ़ते दिखे, लेकिन तब तक रिपोन ने अपना हेलमेट उतार लिया था।
कमेंटेटरों ने जताई नाराजगी
इस घटना पर टीवी कमेंटेटरों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। ऑन-एयर कमेंटेटर नाबिल काइजर ने कहा, “यह बेहद शर्मनाक है। क्रिकेट के मैदान पर आमतौर पर हम सिर्फ जुबानी बहस देखते हैं, लेकिन इस तरह की शारीरिक झड़प बहुत कम देखने को मिलती है। यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।” उन्होंने यह भी बताया कि एंतुली ने एक मौके पर रिपोन के हेलमेट पर वार करने की कोशिश की, जो खेल भावना के खिलाफ है।
मैच रेफरी की कार्रवाई की उम्मीद
क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना की पूरी जानकारी मैच रेफरी द्वारा बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) और क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) को सौंपी जाएगी। दोनों बोर्ड इस मामले में उचित कार्रवाई कर सकते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि यह साउथ अफ्रीका इमर्जिंग टीम के दौरे का आखिरी मैच है। बता दें कि इस दौरे में साउथ अफ्रीका ने वनडे सीरीज 2-1 से गंवाई थी, जबकि पहला चार दिवसीय मैच चटगांव में ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
क्रिकेट की गरिमा पर सवाल
यह घटना क्रिकेट की उस भावना के खिलाफ है, जो खेल को सज्जनता और सम्मान का प्रतीक बनाती है। प्रशंसकों और विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल खिलाड़ियों, बल्कि पूरे खेल की छवि को धूमिल करती हैं। अब सभी की नजर इस बात पर है कि दोनों क्रिकेट बोर्ड इस मामले में क्या कदम उठाते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जाते हैं।