ऑस्ट्रेलिायाई क्रिकेट टीम शुरू से चीटर है। साल 2015 में भी टीम ने धोखेबाजी की थी। आईसीसी वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में। कंगारुओं ने उस दौरान भी बॉल टैंपरिंग जैसा की थी। ये बातें हम अपनी ओर से नहीं कह रहे बल्कि, ये दावा न्यूजीलैंड टीम के खिलाड़ी ग्रांट इलियॉट ने किया है। उन्होंने इशारे-इशारे में कहा है कि हो सकता है 2015 के वर्ल्ड कप फाइनल में भी टीम ने कुछ ऐसा ही किया हो। आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट में कंगारू खिलाड़ी कैमरन बैनक्रॉफ्ट ने गेंद पर पीले रंग की चीज (सैंडपेपर) से रगड़ी थी। गेंद से छेड़छाड़ करते हुए वह कैमरे में कैद हो गए, जिसकी फुटेज भी बाद में सामने आई थी।

बाद में बैनक्रॉफ्ट, टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ और बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने दुनिया के सामने टैंपरिंग की बात कबूली थी। गलती मान लेने के बाद स्टीव की कप्तानी चली गई। खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा। डॉरेन लेहमैन ने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। यूं समझिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में इस घटना से भूचाल आ गया था।

इलियॉट ने इसी घटना को ध्यान में रखते हुए बीते अनुभव का जिक्र किया है। कीवी रेडियो शो ‘हॉराकी ब्रेकफास्ट’ पर इलियॉट बोले, “मुझसे पूछा गया था कि वर्ल्ड कप फाइनल में क्या हुआ था। क्या उन्होंने ऐसा (चीटिंग) किया था? हम अच्छी स्थिति में थे। तीन विकेट पर 150 रन बना चुके थे।”

न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी ग्रांट इलियॉट। (फाइल फोटो)

बकौल कीवी क्रिकेटर, “मैंने कई ऐसे मैच खेले हैं, जिनमें गेंद अच्छा-खासा स्विंग खाती है। असल बात है कि मिशेल स्टार्क जैसे खिलाड़ी की ओर नजर फिराते हैं, जो देर से अच्छी गेंदबाजी नहीं करता। हो सकता है कि तब वह खुद पर ध्यान दे रहे हों और गेंद के साथ छेड़छाड़ करना चाह रहे हों।”

उन्होंने आगे बताया, “अब आंकड़ें ठीक रहेंगे। सैंडपेपर गेट से पहले किसी का औसत कुछ है और उसके ठीक बाद कुछ और। ऐसे में कुछ गेंदबाज जरूर होंगे जिन पर सवाल उठेंगे और गाज गिरेगी, सिर्फ इसलिए क्योंकि वे गेंद के साथ छेड़खानी कर रहे थे।”