कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वालीं पहली भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट पर उनकी बहन और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने निशाना साधा है। पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट वजन ज्यादा होने के कारण गोल्ड मेडल मैच से डिस्क्वालिफाई हो गई थीं। इसके बाद वह भारत लौटीं तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। वह कुछ दिन के बाद कांग्रेस में शामिल हो गईं। हरियाणा विधानसभा चुनाव में जुलाना जीत से ताल ठोक रही हैं।
बबीता ने बताया कि विनेश को लेने उनके पिता महावीर फोगाट एयरपोर्ट जाने वाले थे, लेकिन वहां दीपेंदर हुड्डा कोच बनकर खड़े थे। महावीर फोगाट को उस दौर घटी घटनाक्रम से दुख हुआ। बबीता ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान विनेश फोगाट के राजनीति में आने, कांग्रेस में शामिल होने और पेरिस ओलंपिक के फाइनल से डिस्क्वाफिलाई होने समेत अन्य मुद्दों पर अपनी राय दी। इस दौरान वह भावुक हो गईं।
राजनीति में आने के लिए हर कोई स्वतंत्र
इंडिया टीवी पर इंटरव्यू के दौरान बबीता से सवाल हुआ कि क्या राजनीति में आने के लिए विनेश ने ली सलाह? मैं एक बात कहना चाहूंगी उनकी राजनीति में आने के लिए हर कोई स्वतंत्र है। कोई भी किसी पार्टी को किसी भी समय ज्वाइन कर सकता है। ये उनके खुद के स्वतंत्र विचार और खुद की सोच है। लेकिन मैं एक और चीज कहना चाहूंगी कि हो सकता है उनका कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने का निर्णय पहले से हो। वो शादीशुदा हैं उनका और भी परिवार जुड़ा हुआ है और हमारे समाज में कहा जाता है कि शादी के बाद मां-बाप का ज्यादा इंटरफेयर नहीं होता है। ससुराल वालों के अनुसार चलना पड़ता है। क्योंकि वही उनका सबसे बड़ा परिवार होता है। मां-बाप भी बेटी को यही शिक्षा देते हैं कि बेटी अगले की सुनना ज्यादा से ज्यादा। उनकी माननी है और अपना घर चलाना है।
विनेश पर फिर ‘भड़कीं’ बबीता फोगाट, कहा- प्रधानमंत्री नहीं कम करने आएंगे वजन
दीपेंदर हुड्डा कोच बनकर खड़े थे
इसके बाद बबीता से सवाल हुआ कि आजकल विनेश किसकी सुन रही हैं? इस पर उन्होंने कहा, “हम तो कहेंगे कि परिवार के लोगों की सुनेंगी।” इसके बाद सवाल हुआ कि हुड्डा जी से नाराजगी है परिवार में फूट डाल दी? बबीता ने कहा, ” देखिए बिलकुल है। इस चीज को आपने देखा होगा कि मनु भाकर जब मेडल लेकर आई तो एयरपोर्ट पर कोच उनके साथ। आप देखेंगे अमन शेहरावत को जब वो मेडल लेकर आए उनके कोच साथ में थे। वहां पर कोच बनकर दीपेंदर हुड्डा जी खड़े थे। जिस कोच (महावीर फोगाट) ने इतनी मेहनत कराई इतने सालों और आज उस कोच की जगह दीपेंदर हुड्डा जी खड़े हैं तो किसको दुख नहीं होगा? किसको नहीं तकलीफ होगी।”
मैंने अपने पापा को तीन बार को रोते देखा है
क्या महावीर फोगाट को बुरा लगा? इसका जवाब देते हुए बबीता ने कहा, ” आप इस चीज को महसूस कर सकते हैं कि जिस गुरु ने इतनी मेहनत करके वहां तक पहुंचाया है। मेरे पापा ने बहुत समय पहले कहा था कि जो ओलंपिक में मेडल लेकर आएगा मैं उसको लेने जाउंगा एयरपोर्ट। आजतक हम किसी बहन को लेने नहीं गए थे। पहली बार विनेश को लाने जा रहे थे। और जब ये सारा घटनाक्रम हुआ तब मेरे पापा… मुझे पता है कि मैंने अपने पापा को तीन बार को रोते देखा है।”
महावीर फोगाट एयरपोर्ट जाने वाले थे
बबीता ने बताया कि विनेश फोगाट को पेरिस से लौटने के बाद महावीर फोगाट लेने के लिए एयरपोर्ट जाने वाले थे। उन्होंने कहा, “मेरे पापा जा रहे थे लेने के लिए। लेकिन ये जो चीजें घटी हैं उनको बहुत दुख हुआ है। एक तो दुख वो कि वो डिस्कवालिफाई हो गईं। ऊपर से दुख ये कि मतलब इतने सालों की मेहनत करके इस काबिल बनाया है।”
मैंने 3 बार अपने जीवन में पापा को रोते हुए देखा
बबीता ने आगे बताया, “मैं आपको बता रही थी कि मैंने 3 बार अपने जीवन में पापा को रोते हुए देखा है। या तो मेरे चाचाजी जब एक्सपायर हुए थे तब हमने देखा था। या तो हम बहनों की जब शादी हुई विदाई के टाइम पर हमने उनकी आंखों में आंसू देखे थे। या फिर विनेश का ये जो इंसिडेंट हुआ तब हमने उनकी आंखों में आंसू देखे। इन दोनों चीजों से उनको जितनी पीड़ा हुई है शायद किसी को उतनी पीड़ा नहीं हुई। एक पिता के रूप में भी, एक गुरु के रूप में भी और एक मां-बाप के रूप में भी। इसके बाद बबीता की आंखें नम हो गईं।