एशियन गेम्स में रविवार का भारत के लिए रिकॉर्ड 15 मेडल लेकर आया। एथलेटिक्स में तो मेडल्स की लाइन लग गई। भारतीय एथलीट्स ने कई इवेंट्स में पोडियम पर जगह बनाई। 100 मीटर हर्डल रेस में ज्योति यर्राजी से गोल्ड की उम्मीद थी लेकिन रेस में फाल्स स्टार्ट के कारण विवाद हो गया था । ज्योति ने सिल्वर मेडल जीता और इसे एक बेहद ही खास शख्स को समर्पित किया।
ड्रामे के बावजूद ज्योति ने जीता सिल्वर मेडल
ज्योति यर्राजी और चीन की वु यान्नी को ‘फाल्स स्टार्ट’ के कारण अयोग्य करार दिया गया लेकिन बाद में जज ने उन्हें रेस में भाग लेने की अनुमति दी । चीन की लिन युवेइ ने 12.74 सेकंड में स्वर्ण पदक जीता जबकि यान्नी दूसरे और यर्राजी तीसरे स्थान पर रही थी । भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआई) ने तुरंत विरोध दर्ज किया और तकनीकी नियम 16.8 के तहत यान्नी को अयोग्य करार दिया गया जबकि यर्राजी का कांस्य पदक रजत में बदल गया। एएफआई की सीनियर उपाध्यक्ष और लंबी कूद की पूर्व स्टार अंजू बॉबी जॉर्ज ने इसे अविश्वसनीय ड्रामा करार दिया । एएफआई अध्यक्ष और विश्व एथलेटिक्स के उपाध्यक्ष आदिले सुमरिवाला ने कहा कि यह मामला उच्च स्तर तक ले जाया जायेगा ताकि आइंदा ऐसा नहीं हो।
कॉलेज सीनियर को समर्पित किया मेडल
इस तमाम विवाद के बाद ज्योति जब पोडियम पर पहुंची तो उनके कंधों पर तिरंगा और आंखों में आंसू थे। उनके हाथ में एक कागज था जिसपर लिखा था, ‘गौतम, यह तुम्हारे लिए हैं। हम आपको बहुत याद करते हैं।’ गौतम ज्योति के कॉलेज सीनियर थे। उन्होंने ज्योंति को एथलेटिक्स में आगे जाने के लिए प्रेरित किया था। द ब्रिज को दिए इंटरव्यू में ज्योति ने बताया था कि गौतम और उनके कोच ही सारा खर्च उठाते थे। जूतों से लेकर अच्छे खाने का तक इंतजाम करते थे। पिछले महीने में एक कार एक्सीडेंट में गौतम की मृत्यू हो गई थी। ज्योति उनके बहुत करीब थीं और यह उनके लिए मुश्किल समय था।
एशियन गेम्स में भारतीय एथलीट्स का जबरदस्त प्रदर्शन
अविनाश साबले एशियाई खेलों में पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरूष बन गए। 29 वर्ष के राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी साबले ने एथलेटिक्स स्पर्धा में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया । उन्होंने 8:19.50 सेकंड में रेस पूरी की । उन्होंने 8:22.79 सेकंड का एशियाई रिकॉर्ड तोड़ा जो 2018 जकार्ता खेलों में ईरान के हुसैन केहानी ने बनाया था। वहीं जबकि पुरुषों के शॉटपुट में तेजिंदर पाल सिंह तूर ने आखिरी थ्रो पर बाजी मारते हुए अपना खिताब बरकरार रखा।