पिछले तीन एशियाई खेलों में भारत ने टेनिस इवेंट्स के पुरुष सिंगल्स में मेडल जरूर जीता है। इस बार सुमित नागल भी इस बार इस रिकॉर्ड को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे। पुरुष डबल्स में रोहन बोपन्ना और युकी भांबरी की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी गोल्ड मेडल के प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी। भारतीय टेनिस खिलाड़ियों ने गुआंगज़ौ, इंचियोन और जकार्ता में खेले गए पिछले तीन एशियाई खेलों में मेडल जीते थे। एशिया के बहुत कम खिलाड़ी विश्व रैंकिंग में शीर्ष 100 में शामिल हैं और ऐसे में भारत को सबसे बड़ी चुनौती चीन, कोरिया और जापान से मिलेगी।
सुमित नागल को मिला बाई
पांचवीं वरीयता प्राप्त नागल को पहले दौर में बाई मिली है। उनकी असली परीक्षा क्वार्टर फाइनल में होगी जहां उनका सामना चीन के शीर्ष वरीयता प्राप्त झिझेन झांग से हो सकता है। झांग की विश्व रैंकिंग 60 जबकि नागल की 159 है। पुरुष एकल में भारत के एक अन्य खिलाड़ी रामकुमार रामनाथन भी भाग ले रहे हैं। खराब फॉर्म में चल रहे रामनाथन को भी पहले दौर में बाई मिली है वह ताजिकिस्तान के सुनातुलो इसरोइलोव के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
रोहन बोपन्ना की नजर मेडल के बचाव पर
भारतीय कप्तान जीशान अली ने पीटीआई से कहा,‘‘पदक जीतने के लिए भारतीय खिलाड़ियों को दो कड़े दौर से गुजरना होगा। हमारे लिए ड्रॉ अच्छा है जिससे कि हमारे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।’’ पुरुष डबल्स में बोपन्ना अपने गोल्ड मेडल का बचाव करने के लिए उतरेंगे। उन्होंने 2018 में दिविज शरण के साथ मिलकर सोने का तमगा जीता था। डेविस कप से संन्यास लेने वाला यह 43 वर्षीय खिलाड़ी स्वर्ण पदक के साथ एशियाई खेलों को भी अलविदा कहने का प्रयास करेगा।
महिला वर्ग में अंकिता रैना से उम्मीद
भारत की एक अन्य पुरुष युगल जोड़ी साकेत माइनेनी और रामकुमार को दूसरी वरीयता मिली है। ऐसे में भारत की दोनों जोड़ियां फाइनल में आमने-सामने हो सकती हैं। महिला एकल में अंकिता रैना को तीसरी वरीयता दी गई है जबकि करमन कौर थांडी कूल्हे की चोट के कारण एकल में नहीं खेल रही हैं। रुतुजा भोसले एकल में भाग लेने वाली भारत की अन्य खिलाड़ी हैं। महिला युगल में रैना और प्रार्थना थोम्बरे तथा करमन और भोसले की भारतीय जोड़ियां अपना भाग्य आजमाएंगी। मिश्रित युगल में भांबरी और रैना को शीर्ष वरीयता जबकि बोपन्ना और भोसले को दूसरी वरीयता दी गई है।
भाषा इनपुट के साथ