एशियन गेम्स के आठवें दिन भी भारतीय शूटर्स का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। मनीषा कीर, प्रीति रजाक और राजेश्वरी कुमारी की महिला ट्रैप टीम भी रजत पदक जीतने में सफल रही। भारतीय पुरुष टीम ने क्वालीफिकेशन दौर में 361 अंक जुटाए। इस टीम का हिस्सा रही राजेश्वरी के लिए यह पल बेहद खास था क्योंकि उन्होंने अपने पिता के सामने ही देश के लिए मेडल जीता।
राजा रणधीर सिंह की बेटी हैं राजेश्वरी
राजेश्वरी ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के एक्टिंग प्रेजीडेंट और पूर्व भारतीय शूटर राजा रणधीर सिंह की बेटी है। राजकुमारी राजेश्वरी ने अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए देश के लिए मेडल हासिल किया। यह राजेश्वरी का एशियाड में पहला मेडल है।
रणधीर सिंह ने 1978 में रचा था इतिहास
रणधीर सिंह अपने समय में एक सफल निशानेबाज रहे हैं। वह एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले निशानेबाज थे। 1978 में बैंकॉक में हुए गेम्स में रणधीर सिंह ने यह मेडल जीता। इसके अलावा वह 1982 में ट्रैप के टीम इवेंट में सिल्वर जीतने वाली टीम का हिस्सा थे। 1968 से लेकर 1984 के बीच उन्होंने अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने चार एशियाड खेलों और पांच ओलंपिक्स में हिस्सा लिया। एशियाड में भारत के लिए हर रंग का मेडल हासिल किया। 1991 में उन्होंने ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के अधिकारी रहते हुए एशियाड में हिस्सा लिया था और ऐसा करने वाले वह पहले खिलाड़ी थे।
पुरुष वर्ग में भी भारत के हाथ आए मेडल
पृथ्वीराज तोडइमान, काइनन चेनाई और जोरावर सिंह संधू की भारतीय तिकड़ी ने ट्रैप निशानेबाजी स्पर्धा में टीम स्वर्ण पदक जीता। भारतीय पुरुष टीम ने क्वालीफिकेशन दौर में 361 अंक जुटाए। काइनन चेनाई के पिता भी भारत के पूर्व खालिद अलमुदहाफ, तलाल अलरशीदी और अब्दुलरहमान अलफइहान की कुवैत की टीम ने 359 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि युहाओ गुओ, यिंक की औ युहाओ वैंग की चीन की टीम ने 354 अंक के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। भारतीय महिला टीम ने 337 अंक जुटाते हुए रजत पदक जीता।