भारत के शीर्ष सिंगल्स खिलाड़ी एचएस प्रणॉय ने गुरुवार को मलेशिया के ली झी जिया को तीन गेम तक चले पुरुष सिंगल्स के रोमांचक क्वार्टर फाइनल में हराकर भारत के लिए बैडमिंटन का पदक सुनिश्चित किया। कमर की चोट से जूझ रहे दुनिया के सातवें नंबर के खिलाड़ी प्रणॉय ने दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी जिया को 78 मिनट चले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में 21-16 21-23 22-20 से हराया।

प्रणॉय ने पक्का किया ऐतिहासिक मेडल

प्रणॉय का पदक नयी दिल्ली 1982 खेलों में सैयद मोदी के कांस्य के बाद एशियाई खेलों की पुरुष सिंगल्स इवेंट में भारत का पहला पदक है। थकान से जूझते हुए प्रणॉय ने निर्णायक गेम में दो मैच प्वाइंट बचाए और लगातार चार अंक के साथ गेम और मैच जीत लिया। मैच के बाद प्रणॉय ने अपनी जर्सी निकाली तो उनकी पीठ पर कई टेप लगी हुई नजर आ रही थी।

प्रणॉय ने जमकर मनाया जश्न

प्रणॉय जैसे ही मैच जीते वह जमीन पर लेट गए। उन्होंने जमीन पर हाथ मारा और अपनी खुशी जाहिर की। इसके बाद वह फौरन अपने कोच पुलेला गोपीचंद और साई के पास पहुंचें। दोनों ने प्रणॉय को गले से लगाया। इस दौरान गोपीचंद काफी भावुक नजर आए। गोपीचंद को बहुत कम मौकों पर इतना भावुक देखा गया है। प्रणॉय के लिए यह साल काफी खास रहा है। उन्होंने अपना पहला बीडब्ल्यूएफ टाइटल जीता, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीता और करियर की सर्वोच्चा रैंकिंग भी हासिल की।

पीवी सिंधु हुईं बाहर

इससे पहले दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधु क्वार्टर फाइनल में चीन की ही बिंगजियाओ के खिलाफ सीधे गेम में शिकस्त के साथ एशियाई खेलों से बाहर हो गईं। दुनिया की 15वें नंबर की खिलाड़ी सिंधु को दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी बिंगजियाओ के खिलाफ 47 मिनट में 16-21, 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। सिंधु ने टोक्यो ओलंपिक में बिंगजियाओ को ही सीधे गेम में हराकर कांस्य पदक जीता था लेकिन चीन की खिलाड़ी ने अपनी सरजमीं पर जीत के साथ बदला चुकता किया और भारतीय खिलाड़ी से पिछले दो एशियाई खेलों के पदक के रंग को बेहतर करने का मौका छीन लिया। सिंधु ने 2014 इंचियोन और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में क्रमश: कांस्य और रजत पदक जीता था।