एशियन गेम्स के लिए भारतीय टीम में चयन न होने पर बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडियन को अदालत में घसीटने वाले विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता मुक्केबाज अमित पंघाल ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय शिविर में रहने के दौरान उन्हें ‘हतोत्साहित’ और ‘अयोग्य’ महसूस कराया गया। पुरुष विश्व चैंपियनशिप में देश के लिए रजत पदक जीतने वाले इकलौते मुक्केबाज पंघाल ने चीन में 23 सितंबर से आठ अक्टूबर तक होने वाली महाद्वीपीय प्रतियोगिता के लिए भारतीय टीम से बाहर किए जाने के बाद दो अन्य मुक्केबाजों सागर अहलावत और रोहित मोर के साथ भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है।

अमित पंघाल ने की थी ट्रायल की मांग

एशियाई खेलों के मौजूदा लाइट फ्लाईवेट चैंपियन पंघाल ने बताया, ‘‘मैंने ट्रायल की मांग की थी। मैं इस नयी अंक प्रणाली को नहीं समझता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान भी इस प्रणाली के आधार पर मेरे वजन वर्ग (दीपक) में चुना गया। मैंने उसे 5-0 से हराया था, फिर भी उसका चयन हुआ। ’’ विश्व रैंकिंग के पूर्व नंबर एक पहलवान पंघाल ने ओलंपिक को छोड़ कर कई बड़े आयोजनों में पदक जीता है। उन्होंने पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स के ट्रायल के दौरान वर्ल्ड चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता दीपक भोरिया को हराया था, जिन्हें एशियाई खेलों के लिए 51 किलोग्राम भार वर्ग में चुना गया है।

पंघाल ने लगाए गंभीर आरोप

पंघाल ने कहा, ‘‘मैंने उसे पहले भी ट्रायल्स में हराया है। अंक प्रणाली में भी मैं उससे आगे हूं लेकिन फिर मैं रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हूं।’’ इस 27 साल के मुक्केबाज ने कहा, ‘‘ मुझे शिविर में हतोत्साहित किया गया है, क्योंकि वे अपने लोगों को भेजना चाहते हैं। अगर आपके आस-पास के लोग बार बार यह कहते है कि आप अच्छा नहीं कर रहे है तो आप ऐसा ही महसूस करने लगते है।’’

कोर्ट ने मांगा फेडरेशन से जवाब

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस मामले में बीएफआई के साथ-साथ खेल मंत्रालय से भी जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है और पंघाल को अनुकूल फैसले की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘सुनवाई सोमवार को है। मुझे लगता है कि यह मेरे पक्ष में होगा क्योंकि मैं सभी परीक्षणों में उससे आगे हूं। मैंने उसे पहले भी ट्रायल में हराया है।’’ बीएफआई ने कहा कि नयी चयन प्रक्रिया शिविर में सभी मुक्केबाजों को स्पष्ट कर दी गई है और इसका पालन किया जाएगा। इस वर्ष से लागू चयन नीति के अनुसार मुक्केबाजों को तीन सप्ताह तक मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है जहां उन्हें विभिन्न मापदंडों पर परखा जाता है।