एशेज के शुरुआती दो टेस्ट मैच हारने के बाद इंग्लैंड ने किसी तरह लीड्स में तीसरा टेस्ट जीतकर इस सीरीज में खुद को जिंदा रखा है। अब चौथा टेस्ट मैच 19 जुलाई से मैनचेस्टर में खेला जाएगा। अगर इंग्लैंड को सीरीज बराबर करनी हो तो उस मैच में भी जीत दर्ज करनी होगी और इसके लिए इंग्लैंड को कुछ कठिन फैसले लेने होंगे। इनमें से एक फैसला है जॉनी बेयरस्टो को टीम से बाहर का रास्ता दिखाना।

बेयरस्टो को खिलाने का कोई मतलब नहीं- बॉयकॉट

दरअसल, जॉनी बेयरस्टो अभी तक एशेज के तीनों मैचों में इंग्लैंड के लिए सिर दर्द साबित हुए हैं। एजबेस्टन और लॉर्ड्स के बाद लीड्स में भी बेयरस्टो ने शर्मनाक प्रदर्शन किया, जिसके बाद उन्हें टीम से बाहर किए जाने की मांग तेजी से उठ रही है। इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर जेफ्री बॉयकॉट ने कहा है कि बेयरस्टो अपना 100 प्रतिशत देने में नाकाम रहे हैं और इसलिए उन्हें आगे खिलाने का कोई मतलब नहीं है।

बेयरस्टो को बाहर करने की तीन वजह

इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी जॉनी बेयरस्टो को टीम से बाहर किए जाने की मांग की जा रही है। वैसे अगर उनके प्रदर्शन को देखा जाए तो बेयरस्टो की किसी भी हाल में जगह बनती नजर नहीं आ रही। एशेज के अभी तक हुए तीन मैचों में बेयरस्टो के प्रदर्शन पर नजर डालें तो तीन ऐसी वजह हैं जो उन्हें टीम से बाहर करने के लिए काफी हैं और इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स को इन वजह पर गौर करना होगा।

  1. फ्लॉप बल्लेबाजी

एशेज के जरिए जॉनी बेयरस्टो ने टेस्ट क्रिकेट में वापसी की, लेकिन उनकी वापसी अच्छी नहीं रही। उनकी फ्लॉप बल्लेबाजी उन्हें टीम से बाहर करने का सबसे बड़ा कारण है। तीन टेस्ट की 6 पारियों में बेयरस्टो ने सिर्फ 141 रन बनाए हैं। उन्होंने पहले टेस्ट की पहली पारी में 78 रनों की पारी के साथ शुरुआत तो अच्छी की थी, लेकिन उसके बाद अगली 5 पारियों में उनके बल्ले से रन नहीं निकले। लीड्स टेस्ट में जब बेयरस्टो की टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी तो वह सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गए थे।

  1. खराब विकेटकीपिंग

जॉनी बेयरस्टो को एशेज के लिए इंग्लैंड की टीम में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज खिलाया गया। बल्लेबाजी में तो वह फ्लॉप रहे ही साथ ही उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग से भी निराश किया। विकेटकीपिंग के दौरान बेयरस्टो ने काफी कैच छोड़े, जिनमें से कुछ का खामियाजा इंग्लैंड को भुगतना पड़ा। इंग्लैंड को अगर सीरीज में आगे जाना है तो विकेटकीपिंग में सुधार काफी जरूरी है। ऐसे में बेयरस्टो की जगह बेन फॉक्स एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

  1. सीरीज में हार की गुंजाइश नहीं

पहले दो टेस्ट हारने के बाद इंग्लैंड की मुश्किलें इस सीरीज में पहले ही बढ़ी हुई हैं। लीड्स की जीत के बाद इंग्लैंड ने किसी तरह अपनी उम्मीदों को जिंदा रखा है, लेकिन सीरीज को बराबर करने के लिए इंग्लैंड को मैनचेस्टर में होने वाला अगला टेस्ट भी जीतना होगा और इसके लिए खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर का रास्ता दिखाना ही होगा। कप्तान बेन स्टोक्स और हेड कोच ब्रेंडन मैकुलम को अब बेयरस्टो पर और भरोसा नहीं जताना चाहिए, क्योंकि अगर वह ऐसा करते हैं तो एशेज को दांव पर लगा सकते हैं।