वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC Final)में टीम इंडिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की ऐतिहासिक जीत में स्कॉट बोलैंड ने बड़ी भूमिका निभाई थी। जोस हेजलवुड जैसे दिग्गज गेंदबाज की उन्होंने कमी नहीं खलने दी। उन्होंने मैच में 5 विकेट लिए थे। उन्होंने विराट कोहली और शुभमन गिल जैसे बल्लेबाजों का विकेट लिया था। उन्हें इस शानदार प्रदर्शन के बाद एशेज सीरीज के पहले टेस्ट में मिशेल स्टार्क को बाहर करके मौका दिया गया, लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने उनकी जमकर धुनाई की। दोनों पारियों को मिलाकर 26 ओवर में 147 रन लुटा दिए थे।

ऑस्ट्रेलिया की टीम रोमांचक मैच जीत गई, लेकिन बोलैंड शायद ही लॉर्ड्स में खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट में खेले। कंगारू टीम के मुख्य कोच एंड्रयू मैकडोनाल्ड ने स्वीकार किया कि बोलैंड के खिलाफ इंग्लैंड के बल्लेबाजों का आक्रामक रवैया चौंकाने वाला था। बोलैंड ने जैक क्रॉली को दो बार आउट किया और तीसरे दिन ओवरकास्ट कंडीशन में खतरनाक दिख रहे थे, लेकिन अपने टेस्ट करियर में पहली बार इतने महंगे रहे।

लॉर्ड्स टेस्ट में स्टार्क की वापसी

जोश हेजलवुड के फिट होने के बाद मिचेल स्टार्क को पहले टेस्ट में प्लेइंग 11 से बाहर कर दिया गया था। लॉर्ड्स टेस्ट में उन्हें बोलैंड की जगह मौका मिल सकता है। मैकडोनाल्ड ने कहा कि एजबेस्टन की पिच स्लो और फ्लैट थी, ऐसे में स्टार्क प्रभावी हो सकते थे। हालांकि, स्टार्क समझते हैं कि एशेज सीरीज में उनकी भूमिका अहम होगी। 4 टेस्ट मैच और होने हैं।

मैकडोनाल्ड ने क्या कहा?

मैकडोनाल्ड ने कहा , “मुझे लगता है कि लाइन और लेंथ बाएं हाथ की स्विंग गेंदबाज से ज्यादा महत्वपूर्ण था। हमें नहीं लगा था कि यहां गेंद स्विंग होने के अनुकूल परिस्थितियां होंगी। चयन करते समय काफी विचार विमर्श करना होता है। इसकी आलोचना भी हो सकती है। पीछे मुड़कर देखने पर ऐसा लगता है कि मिच भूमिका निभा सकते थे। इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन खेलने उतरे, तो हमें लगा कि निर्णय अच्छा है। स्टार्क समझते हैं कि चार और टेस्ट मैच हैं और उन्हें उसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।”