भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट को एशियन गेम्स में सीधे प्रवेश दिया है। यह फैसला कई रेसलर्स और कोच को पसंद नहीं आया। विनेश फोगाट की वेट कैटेगरी में खेलने वाली अंतिम पंघाल तदर्थ समिति के फैसले के खिलाफ कोर्ट पहुंचने की तैयारी में हैं।

अंतिम पंघाल हैं अंडर20 वर्ल्ड चैंपियन

अंतिम पंघाल ने बीते कुछ समय में शानदार प्रदर्शन किया है। वह अंडर20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने में कामयाब रही थी और इस साल एशियन चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल जीता है। अंतिम चाहती हैं कि तदर्थ समिति सभी कैटेगरी में ट्रायल्स कराए। उन्होंने द मिरर से बातचीत में कहा, ‘मुझे ट्रायल्स देने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन किसी को भी सीधे एंट्री देना सही नहीं है। मैं अपने पिता से कोर्ट जाने को लेकर बात कर रही हूं।’

एशियाई चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता पंघाल ने एक वीडियो में कहा ,‘‘ विनेश फोगाट को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश मिलेगा जबकि उसने पिछले एक साल से अभ्यास भी नहीं किया । पिछले एक साल में उसकी कोई उपलब्धि नहीं है।’ उसने कहा ,‘‘ पिछले साल जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में मैने स्वर्ण पदक जीता था और यह करने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनी । एशियाई चैम्पियनशिप 2023 में मैने रजत पदक जीता जबकि विनेश ने कुछ नहीं किया । वह चोटिल भी थी ।’’ पंघाल ने कहा ,‘‘ साक्षी मलिक ने ओलंपिक पदक जीता है लेकिन उसे भी नहीं भेजा जा रहा । विनेश में ऐसा क्या खास है जो उसे सीधे भेजा जा रहा है । ट्रायल कराइये । सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि ऐसी कई लड़कियां हैं जो विनेश को हरा सकती हैं ।’’

नेशनल कोच से नहीं ली गई सलाह

रेसलिंग फेडरेशन के नियम के मुताबिक हर कैटेगरी में ट्रायल कराना अनिवार्य है लेकिन चीफ कोच की सिफारिश पर ओलंपिक मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियनशिप मेडलिस्ट को इसे लेकर छूट दी जा सकती है। हालांकि विनेश और बजरंग के मामले में ऐसा नहीं है। फ्री स्टाइल के नेशनल पुरुष कोच जगमंदर सिंह और महिला कोच विरेंद्र दहिया का कहना है कि इस फैसले के लिए उनसे राय नहीं ली गई।

दहिया ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि बजरंग और विनेश किस फॉर्म में हैं। उन्होंने पिछले 8 महीनों से किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया है। जब आप टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेते हैं तभी आपको स्पीड, ताकत और वेट के बारे में पता चलता है। कॉमनवेल्थ गेम्स के बाद से उन्होंने किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया है।’

जगमंदर सिंह ने फैसले का किया विरोध

जगमंदर सिंह ने कहा, ‘हमें यह तक नहीं पता कि ऐसा फैसला लिया गया है। तदर्थ समिति ने हमें फोन करना बंद कर दिया है। हमने ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। हम चाहते हैं कि सभी कैटेगरी में ट्रायल हो।’ जगमंदर सिंह का कहना है कि विनेश और बजरंग की कैटेगरी में अच्छे युवा खिलाड़ी हैं जो कि दिग्गज खिलाड़ियों को टक्कर दे सकते हैं। समिति ने छूट देने के फैसला लेने के लिए उनसे कोई बात नहीं की है।