पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोईन खान ने एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट करने पर शाकिब अल हसन के फैसले का समर्थन किया है, लेकिन मिस्बाह उल हक और शोएब मलिक ने बांग्लादेश के कप्तान की आलोचना की। वसीम अकरम ने भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए 1999 के कोलकाता टेस्ट की एक घटना को याद किया, जिसमें दिग्गज सचिन तेंदुलकर और रावलपिंडी एक्सप्रेस शोएब अख्तर की टक्कर हो गई थी।
मोईन ने ए स्पोर्ट्स पर कहा, ” आप मैदान पर ऐसे फैसले लेते हैं। नियम के अनुसार शाकिब के पास इसका अधिकार था। शाकिब ने कहा है कि उन्होंने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि वह चाहते थे कि उनकी टीम जीते और मुझे लगता है कि यह सही फैसला था। मैंने भी शायद वैसा ही किया होता।” अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहली बार सोमवार को दिल्ली में बांग्लादेश के खिलाफ श्रीलंका के ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज को टाइम आउट हुए। हालांकि, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मिस्बाह उल हक ने मोईन की बात से असहमति जताई। उन्होंने बांग्लादेश की “खेल भावना” पर सवाल उठाया है।
मैथ्यूज जानबूझकर लेट कर रहे होते तो बात समझ में आती
मिस्बाह ने कहा, “कॉमन सेंस कहां है? वह गार्ड लेने के लिए तैयार थे, पट्टा टूट कर गिर गया। मैंने कभी अपील नहीं की होती। यह खेल भावना के खिलाफ है। मैथ्यूज जानबूझकर लेट कर रहे होते तो बात समझ में आती। आपकी ओवर गति धीमी है, मैच का परिणाम प्रभावित हुआ है या आप पर कोई जुर्माना लग रहा है। ऐसा कुछ भी नहीं था। 10-15 सेकेंड की बात थी, कोई फर्क नहीं पड़ता। खेल भावना कहां है?”
श्रीलंकाई पारी के 25वें ओवर की घटना
यह घटना श्रीलंकाई पारी के 25वें ओवर में घटी जब शाकिब अल हसन ने समरविक्रमा को आउट किया था, जिनका कैच बाउंड्री के पास महमुदुल्लाह ने पकड़ा। मैथ्यूज ने ग्राउंड पर आने में अपना समय लिया और फिर उनके हेलमेट में दिक्कत आई। जब वह गार्ड ले रहा थे तो उनका पट्टा टूट गया। जैसे ही उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर नए हेलमेट का इशारा किया।
शोएब मलिक ने क्या कहा?
शाकिब और बांग्लादेश टीम ने टाइम आउट की अपील की और अंपायर्स ने मैथ्यूज को आउट दे दिया। शोएब मलिक ने कहा, “मैंने कभी अपील नहीं की होती। ऐसी स्थितियों में अंपायर बॉच बंद कर देते हैं, इसलिए उन्हें 40 ओवर के बाद एक फील्डर को अंदर लाने की आवश्यकता नहीं होती है।”
वसीम अकरम ने 1999 कोलकाता टेस्ट के बारे में बताया
वसीम अकरम ने 1999 के कोलकाता टेस्ट की एक घटना को याद किया जब उन्होंने शोएब अख्तर के साथ टकराव के बाद सचिन तेंदुलकर को रन आउट दिए जाने के बाद निर्णय वापस लेने से इन्कार कर दिया था। उन्होंने कहा, ” यह स्थिति पर निर्भर करता है। बड़ी चीजों को देखते हुए मैंने इसके बारे में सोचा भी नहीं होगा।”
सचिन तेंदुलकर के खिलाफ अपील नहीं ली थी वापस
वसीम अकरम ने बताया, ” मैं इस स्थिति में रह चुका हूं। 1999 में मशहूर कोलकाता टेस्ट के दौरान सचिन अच्छा खेल रहे थे। उन्होंने शोएब अख्तर के खिलाफ मिडविकेट की ओर शॉट खेला। नदीम खान फील्डर थे और जब सचिन अपने तीसरे रन के लिए वापस दौड़ रहे थे और शोएब पीछे थे और टकरा गए। सचिन क्रीज में नहीं थे। यह एक अजीब दुर्घटना थी। किसी की गलती नहीं थी और उन्हें आउट दे दिया गया।”
मैच रेफरी ने अकरम से की थी बात
अकरम ने बताया, ” मैच रेफरी कैमी स्मिथ ने अप्रत्यक्ष रूप से मुझसे पूछा कि क्या मैं अपील वापस लेना चाहूंगा और मैंने कहा कि अगर यह नियमों के तहत है, सचिन क्रीज के बाहर हैं तो मैं अपनी अपील वापस नहीं ले रहा, लेकिन यदि रेफरी के तौर पर आप मुझसे कहते हैं कि यह सही नहीं है तो अपील वापस ले लीजिए, मैं इसे वापस ले लूंगा। उन्होंने कहा कि नहीं ये नियम के तहत है।”