Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 में रेसलिंग इवेंट में भारत के लिए एकमात्र पदक अमन सेहरावत ने जीता और ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। अमन सेहरावत 57 किलोग्राम मेन्स फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट के सेमीफाइनल में पहुंच गए थे, लेकिन उनका प्रदर्शन खराब रहा था और उन्हें जापान के री हिगुची के हाथों 0-10 से हार मिली थी। हालांकि इससे पहले उन्होंने अपने दो मुकाबले 10-0 और फिर 13-0 से टेक्निकल सुपीरियरिटी के आधार पर जीता था।
सेमीफाइनल में मिली हार के बाद उन्हें ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला खेलने को मिला और उन्होंने इस मौके को बिल्कुल भी नहीं गंवाया और अपने प्रतिद्वंदी प्यूर्टो रिको के डेरियन टोई क्रूज को 13-5 से हराकर मेडल जीत लिया। यही नहीं अमन ओलंपिक इतिहास में मेडल जीतने वाले सातवें भारतीय रेसलर भी बने।
2028 में गोल्ड जीतने का पीएम मोदी से किया वादा
अमन सेहरावत के पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद पीएम मोदी ने उनसे फोन पर बातचीत की और उन्हें बधाई दी। इस बातचीत के दौरान अमन सेहरावत ने पीएम मोदी के वादा करते हुए कहा कि वो साल 2028 में देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड मेडल जरूर जीतेंगे। पीएम मोदी ने अमन को बधाई देते हुए कहा कि हम आपके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आप देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने वाले सबसे युवा एथलीट हैं और आपके पास काफी वक्त है। आप आगे और अच्छा करें।
इस चैट के दौरान अमन ने भी पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमें साई से जो सुविधा मिली और आपकी तरफ से जो सुविधा दी गई उसकी वजह से ही ये संभव हो पाया। मोदी ने कहा कि आपने क्षत्रसाल स्टेडियम को ही अपना घर बना लिया और अपने आप को खपा दिया। फिर अमन ने कहा कि मैं घर पर ज्यादा नहीं रहा और जब अखाड़े में आया तो उसे ही अपना घर समझ लिया। पीएम मोदी ने कहा कि आपने अपने माता-पिता को खो दिया, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और डटे रहे। आपका जीवन सबसे लिए प्रेरक है।
11 साल की उम्र में अमन ने अपने माता-पिता को खोया
अमन सेहरावत ने इस मुकाम को हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने अपने माता-पिता को सिर्फ 11 साल की उम्र में ही खो दिया था और इसके बाद उनके दादा ने उनका पालन-पोषण किया। अमन सेहरावत दिल्ली के क्षत्रसाल स्टेडियम में प्रैक्टिस करते हैं और इसे ही उन्होंने अपना घर बना लिया। अमन सेहरावत के आदर्श सुशील कुमार हैं जिन्होंने भारत के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीते थे। अमन ने उनकी इस सफलता के बाद ही मन बना लिया था कि वो एक दिन देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतेंगे और उन्होंने ऐसा करके दिखा दिया।
