आत्माराम भाटी

सर्बिया के बेलग्रेड में 6 नवंबर को हुई एआइबीए विश्व पुरुष मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 21वें संस्करण के बाद भी भारत के लिए पहले स्वर्ण का सपना अधूरा रहा। इस चैपिंयनशिप में देश की तरफ से रिंग में उतरे 13 मुक्केबाजों में से एक भी मुक्केबाज के दमदार पंच स्वर्ण तक नहीं पहुंच पाए। देश का मान रखा भारतीय सेना के जवान आकाश कुमार ने जिन्होंने सेमीफाइनल तक का सफर तय कर एकमात्र कांस्य पदक भारत की झोली डाल पदक तालिका में भारत को बरकरार रखा।

जब 13 सदस्यीय भारतीय मुक्केबाजी दल इस प्रतियोगिता में भाग लेने पहुंचा। भारतीय मुक्केबाजी प्रेमियों की आशा थी कि इस बार हमारे उनके जबरदस्त पंच पिछली प्रतियोगिता 2019 में पहली बार मिले कुल 2 पदकों (1 रजत व 1 कांस्य) को पीछे छोड़ते हुए इस बार ज्यादा पदकों के साथ स्वदेश वापसी करेंगे। यह आशा पूरी भी होती लगी जब हमारे पांच मुक्केबाजों शिव थापा, संजीत, नरेंद्र बेरवाल, निशांत देव और आकाश कुमार ने अपने दमदार पंचों से रिंग में विरोधियों को धराशायी करते हुए क्वार्टर फाइनल में दस्तक दे दी। लेकिन क्वार्टर फाइनल की जंग में आकाश कुमार को छोड़कर बाकी चारों मुक्केबाज अपने विरोधियों के आगे पस्त हो कर पदक की दौड़ से बाहर हो गए।

दोहा में 2015 में इसी चैंपियनशिप में कांस्य जीतने वाले और पांच बार के एशियाई विजेता 27 साल के शिव थापा से (63.5 किग्रा) भार वर्ग में पदक की सबसे ज्यादा आशा थी। लेकिन शिव क्वार्टर में तुर्की के केरेम ओजमेन से 0-5 से शिकस्त खा कर बाहर हो गए। यही हश्र इस साल के एशियाई विजेता संजीत व नरेंद्र बेरवाल (92 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) के साथ हुआ।

क्वार्टर फाइनल में जीत के साथ भारत के लिए पदक की आशा को जिंदा रखा। वे थे भिवानी के 21 साल के आकाश कुमार। जिन्होंने (54 किग्रा) भार वर्ग में क्वार्टर फाइनल के मुकाबले में सही समय पर, सही रणनीति और साहस के साथ अपने दमदार सटीक पंचों से रियो ओलिंपिक रजत विजेता वेनेजुएला के योएल फिनोल को अप्रत्याशित रूप से एकतरफा मुकाबले में 5-0 से पटकनी देते हुए सेमीफाइनल में कदम रख पदक तालिका में भारत का नाम पक्का कर दिया। लेकिन आकाश सेमीफाइनल की जंग में तीन बार के एशियाई विजेता कजाकिस्तान के मखमुद सबिरखान के सामने अपना वे प्रदर्शन नहीं दोहरा पाए जो उन्होंने क्वार्टर फाइनल तक के सफर में किया था। नतीजा यह रहा कि वे खिताबी मुकाबले में कदम रखने से चूक गए। उन्हें मखमुद सबिरखान ने उसी तरह 5-0 से शिकस्त दी जैसे उन्होंने क्वार्टर में ओलिंपिक रजत विजेता फिनोल को दी।