भारत के वनडे कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की 50 ओवरों के प्रारूप में अंजिक्य रहाणे की बल्लेबाजी को लेकर की गई आलोचनात्मक टिप्पणी ने भले ही कई लोगों को हैरान कर दिया हो लेकिन कार्यवाहक कप्तान ने खुद फैसला किया है कि वे अपने सीनियर के फीडबैक को ‘सकारात्मक तौर पर लेकर आगे बढ़ेंगे।’
रहाणे को बांग्लादेश के खिलाफ वनडे शृंखला के आखिरी दो मैचों की अंतिम एकादश में नहीं रखा गया था और धोनी ने कहा था कि मुंबई के बल्लेबाज को उपमहाद्वीप की धीमी पिचों पर स्ट्राइक रोटेट करने में परेशानी होती है। रहाणे को हालांकि इसके लगभग एक हफ्ते बाद ही जिंबाब्वे दौरे के लिए कप्तान नियुक्त कर दिया गया।
रहाणे ने भारतीय टीम के जिंबाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की वनडे शृंखला के लिए रवाना होने से पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा- धोनी भाई ने मुझे फीडबैक दिया है और मैंने इसे सकारात्मक रूप में लिया और उससे आगे बढ़ चुका हूं। बांग्लादेश दौरा अब मेरे लिए बीती बात है। मेरा लक्ष्य वनडे में निरंतर अच्छा प्रदर्शन करना है। अभी यही मेरे दिमाग में है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि वे खिलाड़ियों को ‘सीनियर और जूनियर’ के वर्गों में रखने में विश्वास नहीं करते।
अब तक 15 टैस्ट, 55 वनडे और 11 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल चुके रहाणे ने कहा कि टीम में सीनियर या जूनियर जैसा कुछ नहीं होता। सभी 15 सदस्य समान रूप से महत्त्वपूर्ण हैं और उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास होना चाहिए। मुझे सभी खिलाड़ियों का समर्थन हासिल है।
रहाणे ने सीनियर खिलाड़ी हरभजन सिंह की तारीफ की जिन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टैस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन करके वनडे टीम में भी वापसी की। उन्होंने कहा कि हरभजन ने भारत की तरफ से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। मैं उनके लिए बहुत खुश हूं और निश्चित तौर पर जरूरत पड़ने पर मैं उनकी सलाह लूंगा क्योंकि उन्हें काफी अनुभव है।
रहाणे ने कहा कि टीम जिंबाब्वे में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी दौरे के लिए अच्छी तरह से तैयारी करते हैं। हमारे पास बहुत अच्छी टीम है। हम जिंबाब्वे में अच्छा प्रदर्शन करके शृंखला जीतेंगे।
रहाणे से पूछा गया कि क्या वे पारी का आगाज करना चाहेंगे तो उन्होंने कहा कि मैंने मुंबई के लिए सीमित ओवरों में और राजस्थान रॉयल्स के लिए टी20 में पारी की शुरुआत की है लेकिन मैं जिंबाब्वे पहुंचने के बाद कोच संजय बांगड़, भरत अरुण और आर श्रीधर से बात करके इस पर फैसला करूंगा।
जिंबाब्वे के खिलाफ शृंखला के साथ दो साल बाद वनडे टीम में वापसी कर रहे भारत के नियमित टैस्ट सलामी बल्लेबाज मुरली विजय काफी आगे के बारे में सोचे बगैर इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहते हैं। भारतीय टीम की रवानगी से पहले सोमवार को खुले मीडिया सत्र में विजय ने कहा कि मुझे दो सत्र के बाद एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला है। मुझे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना पसंद है और मैं इस शृंखला में अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब हूं। लेकिन मैं काफी आगे के बारे में नहीं सोच रहा।
विजय ने कहा कि उन्हें वनडे में पर्याप्त मौके नहीं मिले लेकिन उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि वे किसी पर दोषारोपण नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि पदार्पण (टैस्ट क्रिकेट में) करने के बाद सात सत्र में मुझे सिर्फ 14 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने को मिले। मैं किसी को दोषी नहीं ठहरा रहा लेकिन जब आपके पास निभाने के लिए कोई विशिष्ट भूमिका नहीं होती तो मुश्किल हो जाता है।
कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी के बाद टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे विजय को विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली थी लेकिन उन्होंने कहा कि वे भारत के लिए तीनों प्रारूपों में खेलना चाहते हैं और अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं।