अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने एफसी गोवा को कारण बताओ नोटिस जारी करके पूछा है कि 20 दिसंबर को आईएसएल फाइनल में चेन्नईयिन एफसी के खिलाफ हार के बाद हुए विवाद के लिए उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। एफसी गोवा को गुरुवार को भेजे पत्र में एआईएफएफ ने गोवा की फ्रेंचाइजी के अलावा व्यक्तिगत लोगों पर अलग से आरोप लगाए हैं और उन्हें आठ जनवरी से पहले जवाब देने को कहा है।

महासंघ के सूत्रों के अनुसार एफसी गोवा पर एआईएफएफ की अनुशासन संहिता के नियम 53 (टीम द्वारा दुर्व्यवहार), नियम 58 (आक्रामक व्यवहार), नियम 60 (धमकाना) के तहत आरोप लगाए हैं। मैच खत्म होने की सीटी बजने के तुरंत बाद एफसी गोवा के इक्विपमेंट मैनेजर राजेश माल्गी की अगुआई में एफसी गोवा के कई स्थानापन्न खिलाड़ियों और अधिकारियों ने रैफरी को घेर लिया और उन्हें डराने की कोशिश की।

एआईएफएफ सूत्रों के अनुसार रैफरियों (सभी जापान) के साथ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया और मारपीट की धमकी दी गई। पत्र के अनुसार एफसी गोवा के पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा नहीं लेने के फैसले से खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा और आईएसएल के नियम 22.2 के तहत उन पर कार्रवाई होगी।