आई-लीग क्लब मिनर्वा पंजाब एफसी के पूर्व मालिक और उद्यमी रंजीत बजाज ने सोमवार यानी 25 अप्रैल 2022 को आरोप लगाया कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के महासचिव कुशल दास ने कार्यस्थल पर कर्मचारियों से छेड़छाड़ की है। हालांकि, एआईएफएफ और उसके शीर्ष पदाधिकारी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। रंजीत बजाज के पास मिनर्वा पंजाब का 7 साल तक स्वामित्व था।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुशल दास के खिलाफ ‘कार्यस्थल पर कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ के दो मामले’ थे और यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने वाली समिति ने एआईएफएफ अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल के दबाव के कारण इस मामले को रफा-दफा कर दिया था। रंजीत बजाज ने ट्वीट किया, ‘कुशल दास इस्तीफा दे दो नहीं तो मैं आपकी उन गतिविधियों का खुलासा करूंगा जिन्हें प्रफुल्ल पटेल ने रफा-दफा करवा दिया था।’

उन्होंने लिखा, ‘कार्यस्थल पर अपने कर्मचारियों के साथ छेड़छाड़ के दो मामले थे। एआईएफएफ के यौन उत्पीड़न शिकायत अधिकारी के प्रमुख को प्रफुल्ल पटेल ने इस रिपोर्ट को दबाने के लिए मजबूर किया था।’

रंजीत बजाज ने बाद में पीटीआई से कहा, ‘मैं महासंघ के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं। यह आरोप एक व्यक्ति के खिलाफ है और वह इसके खिलाफ अदालत में हलफनामा दे सकता है। पहले उसे इन आरोपों का खंडन करने दीजिए। उसे एआईएफएफ के जन संपर्क विभाग का इस्तेमाल किए बगैर व्यक्तिगत रूप से जवाब देना होगा।’

कुशल दास ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘एआईएफएफ में हमेशा से इस तरह के आरोपों से निपटने के लिए एक महिला प्रकोष्ठ रहा है। पिछले 10 साल में उसके पास इस तरह का कोई मामला नहीं आया है। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर महिला प्रकोष्ठ को गौर करने दीजिए। मैं कुछ कहूं उससे पहले कार्यकारिणी समिति को कोई निर्णय लेने दीजिए।’

एआईएफएफ इस मामले में अपने शीर्ष अधिकारी का समर्थन करते हुए कहा कि वह ‘संबंधित व्यक्ति के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई’ करेगा। एआईएफएफ से जारी बयान के मुताबिक, ‘सभी बयान और आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। उसे बिना किसी सबूत के लगाए गए हैं। ‘पीओएसएच’ अधिनियम 2013 के अनुसार एआईएफएफ द्वारा गठित आंतरिक शिकायत समिति को ऐसी कोई भी शिकायत नहीं मिली है।

आंतरिक शिकायत समिति की वर्तमान प्रमुख ज्योत्सना गुप्ता ने कहा कि उन्हें या उनकी समिति को दास या एआईएफएफ के किसी अधिकारी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली है। ज्योत्सना गुप्ता ने कहा, ‘समिति के प्रमुख के रूप में मुझे महासचिव या एआईएफएफ के किसी अधिकारी के खिलाफ (यौन उत्पीड़न की) ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है।’

ज्योत्सना गुप्ता के पिछले साल कार्यभार संभालने से पहले समिति की अध्यक्षता करने वाली शांता गोपीनाथ ने भी कहा कि उन्हें दास के खिलाफ कोई शिकायत नहीं मिली थी। मिनर्वा पंजाब को बेचने के बाद बजाज मोहाली में मिनर्वा अकादमी फुटबॉल क्लब का संचालन करते है। एआईएफएफ ने रेफरी के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करने के आरोप में उन्हें 2018 में एक साल के लिए प्रतिबंधित किया था।