अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज संघ (International Boxing Association) ने अब भारतीय मुक्केबाजी संघ (Boxing Federation of India) पर अपने दायित्वों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। एआईबीए ने कहा है कि बीएफआई ने महिला विश्व चैंपियनशिप 2018 के आयोजन के मेजबानी शुल्क का लगभग दो तिहाई हिस्सा का अब तक भी भुगतान नहीं किया है। बीएफआई ने कहा था कि एआईबीए ने मेजबानी शुल्क नहीं भरने के कारण 2021 की पुरुष विश्व चैंपियनशिप की मेजबानी भारत से वापस लेने में जल्दबाजी दिखाई। इसके जवाब में विश्व संस्था ने बयान जारी करके भारतीय संघ पर यह आरोप लगाया।
एआईबीए ने कहा, ‘एआईबीए को इसलिए भी यह फैसला करना पड़ा, क्योंकि बीएफआई ने 2018 की एआईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के मेजबानी शुल्क का लगभग दो तिहाई हिस्सा प्रतियोगिता के 18 महीने बाद भी नहीं चुकाया है।’
उसने कहा, ‘बीएफआई को 2018 की गर्मियों में मेजबानी शुल्क चुका देना चाहिए था। एआईबीए ने बहुत धैर्य और समझदारी दिखाई और वह बाद में भुगतान करने की कई योजनाओं पर सहमत हुआ, लेकिन बीएफआई ने इनका कभी सम्मान नहीं किया।’
एआईबीए को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय और प्रशासनिक कुप्रबंधन के लिए निलंबित कर रखा है। उसने उस राशि का खुलासा नहीं किया जो बीएफआई को 2018 की प्रतियोगिता के लिए भुगतान करनी है। यह प्रतियोगिता दिल्ली में हुई थी। एआईबीए ने सोमवार को 2021 की पुरुष चैंपियनशिप का आयोजन सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में करने का फैसला किया था। पहले उसने इसकी मेजबानी भारत को सौंपी थी।
एआईबीए ने हाल ही में बयान जारी करके कहा कि मेजबानी शुल्क जमा नहीं करने के कारण अब यह चैंपियनशिप भारत की बजाय सर्बिया की राजधानी बेलग्रेड में आयोजित की जाएगी। भारत को 2017 में इसकी मेजबानी सौंपी गयी थी। भारतीय मुक्केबाजी महासंघ ने स्वीकार किया कि विलंब हुआ है लेकिन कहा कि पैसा किस खाते में भेजना है , इसे लेकर मसले सुलझाने में एआईबीए के नाकाम रहने के कारण यह प्रक्रियागत पेचीदगियां पैदा हुई।
करीब 40 लाख डॉलर का यह भुगतान पिछले साल दो दिसंबर को होना था। भारत में यह टूर्नामेंट पहली बार होने वाला था। एआईबीए ने एक बयान में कहा ,‘‘ भारत मेजबान शहर अनुबंध के नियमों के तहत मेजबानी शुल्क नहीं भर सका जिससे एआईबीए ने करार तोड़ दिया । भारत को अब करार रद्द होने के कारण 500 डॉलर का जुर्माना भरना होगा।’’ एआईबीए को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने वित्तीय कुप्रबंधन के कारण निलंबित कर रखा है।

